नगर परिषद तुमसर के नगर पालिका -पार्षदों का कार्यकाल 7 फरवरी को समाप्त होने से एक महीने पहले अंतिम बैठक में। नगर परिषद बांगलकर कॉम्लेक्स तत्कालीन महापौर ने दुकान ठेलों को लेकर संकल्प लेकर पार्षदों को लाभ पहुंचाने के इरादे से योजनाबद्ध तरीके से त्रुटिपूर्ण टेंडर जारी किया। व जब नगर सेवक कार्यालय में था, पार्षदों और उनके रिश्तेदारों को अगले 6 वर्षों के लिए दुकानें दी गईं। पूर्व महापौर अभिषेक करेमोर, सुनील थोटे, विक्रम लांजेवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है। तुमसर नगर परिषद पर भाजपा के पास अकेले ही सत्ता थी। पिछले पांच साल में सत्तारूढ़ दल ने तय किया था कि काम करना है या नहीं क्योंकि मेयर बीजेपी से था और पार्षद बीजेपी से था। हालांकि कार्यकाल समाप्त होते ही भ्रष्टाचार बढ़ने लगा जिसके फलस्वरूप तत्कालीन महापौर प्रदीप पटोले ने पार्षदों के तुष्टिकरण के नाम पर नई शकल और कार्यकाल का चुनाव लड़ा। इसके खत्म होने से पहले ही तत्कालीन पार्षद और वर्तमान भाजपा नगर अध्यक्ष पंकज बालपांडे और उनकी पत्नी के नाम पर दो दुकानों को गडे नगर परिषद के माध्यम से एक पार्षद और एक अन्य भाजपा पार्षद के नाम पर दो दुकानें दी गईं। यह भी पता चला है कि वह पद पर रहते हुए नगर परिषद अधिनियम, 1965 की धारा 42 और धारा 55 (बी) के तहत नगरपालिका कर्मचारी को अयोग्य ठहराने और अगले छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए अदालत में एक याचिका दायर करेंगे। पूर्व नगराध्यक्ष अभिषेक कारेमोरे, रायुका शहर अध्यक्ष सुनील थोटे, सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम लांजेवार इन्होंने पत्रकार परिषद मे दी जानकारी।