करकापूर से सिलेगाव की दुरी लगभग 3 किलोमीटर है, जीससे लोग आवागमन करते हैं, पास ही मे सिहोरा बाजार है और यह रास्ता साप्ताहिक बाजार जाने आने के सरल और कम दुरी पर है, पर आज भी इस रास्ते की खस्ताहाल स्थिती की वजह से यहा से आवागमन करणे मे लोगो को बहुत तकलीफ भोगणी पडती है, जैसा की बिहड मे शेर को खुद्द रस्ता तैयार करना होता है।मान्सून आने पर तो इस कीचड. चलना पडता है, मतलब जान हथेली मे राख कर कसरत करणे के बराबर है, जबकी इसी रास्ते से खेतीहर किसान सबजी भाजी उत्पादन कर सिहोरा बाजार मे बेचने के लिये जाते हैं।
इस रास्ते के संबंध मे कई बार आंदोलन भी किये गये पर निराशा ही मिली। पिछले वर्ष इसी विषय को लेकर तुमसर बालाघाट राष्ट्रीय महामार्ग पर हजारो लोगो ने यातायात ठप्प कर हिरालाल नागपुरे तथा कलाम भाई शेख के सयूंक्त नेतृत्व मे जनआंदोलन किया। जीसके फलस्वरूप तुमसर तहसीलदार टेडे तथा मुख्य अभियंता चुरहे ने आश्वासन दिया की दस्तावेज की पूर्णता के साथ एक महिने के भीतर रास्ते की मरम्मत, कर दिया जायेगा, किंतु एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी इस रास्ते पर मरम्मत तो दूर की बात है, एक ट्रॉली मुरूम भी नहीं डाला गया। जबकी यह मुख्य राज्य मार्ग है। प्रशासन को कई बार प्रार्थना की गई किंतु अधिकारी वर्ग मुख्य राज्यमार्ग का हवाला देकर इस विषय को टालते रहे हैं। अब फिर एक बार उग्र जनआंदोलन करने की तैय्यारी करकापूर ग्रामवासीयोने की है। रोज रोज मरने से बेहतर है की एक बार मर जाये ऐसी चर्चा ग्रामवासी द्वारा की जा रही है।