नागपुर। राजर्षि शाहू महाराज ने दलितों, शोषितों और पिछड़े वर्गों के विकास के लिए दिन-रात काम किया। राज्य में पहली बार इन वर्गों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया। उन्होंने सबके लिए शिक्षा के द्वार खोले। साथ ही उनके लिए छात्रावास भी खोले और शिक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाया। विरोध के बावजूद उन्होंने पिछड़े वर्गों के सार्वभौमिक विकास के लिए कार्य किया। वे बहुजनों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहने वाले रैयतों के राजा थे। इस आशय के विचार छत्रपति शाहू महाराज की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सामाजिक न्याय दिवस कार्यक्रम में पालकमंत्री डॉक्टर नितिन राउत ने व्यक्त किए। यह कार्यक्रम दीक्षाभूमि के निकट डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर ऑडिटोरियम हॉल में किया गया। कार्यक्रम में दुग्ध व्यवसाय विकास एवं पशुपालन मंत्री सुनील केदार, जिला परिषद अध्यक्ष रश्मि बर्वे, विधायक एडवोकेट अभिजीत वंजारी , संभागायुक्त डॉक्टर माधवी खोडे-चवरे, कलेक्टर आर. विमला, जिला पुलिस अधीक्षक विजयकुमार मगर, प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉक्टर कमल किशोर फूटाने, समाज कल्याण अध्यक्ष नेमावली माटे, क्षेत्रीय उपायुक्त समाज कल्याण डॉक्टर सिद्धार्थ गायकवाड़ मौजूद थे। डॉक्टर नितिन राउत ने कहा कि रैयतों के राजा, सामाजिक न्याय के अग्रदूत, बहुजनों के महान नायक राजर्षि शाहू महाराज की जयंती हर साल सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाई जाती है।