नागपुर। पिछले 29 महीनों में नागपुर सेंट्रल जेल से पैरोल पर रिहा हुए 120 कैदी लापता हो गए हैं, जेल अधिकारियों ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत एक आवेदन के जवाब में इस मुद्दे पर खुलासा किया। 1 जनवरी, 2020 से 31 मई, 2022 के बीच कुल 493 कैदियों को जेल से पैरोल पर रिहा किया गया था। उनमें से 31 मई, 2022 तक 373 कैदी जेल वापस लौट आए। शेष 120 पैरोल का नाजायज़ फायदा उठाकर फर्रर हो गए हैं, आरटीआई क्वेरी से पता चला है। जब उन्हें पैरोल पर रिहा किया गया, उस समय कोविड -19 महामारी की वजह से कुछ रियायतें दी गई थीं, जिस वजह से कई कैदियों को छोड़ दिया गया था। उन्हीं 29 महीनों के दौरान सेंट्रल जेल में कुल 9,155 नए कैदी बंद हुए और 8,461 या तो जेल से रिहा हुए या जमानत पर छूटे। 31 मई तक नागपुर में कुल 2,830 कैदी बंद थे। इनमें सर्वाधिक 991 विचाराधीन कैदी शामिल हैं, इसके बाद 563 कैदी न्यायिक हिरासत में हैं, 420 कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, 347 कैदी कठोर कारावास की सजा काट रहे हैं, 162 मकोका के तहत कैदी और 126 एनडीपीएस के तहत कैदी शामिल हैं। इसके अलावा, 77 नक्सली भी सेंट्रल जेल में बंद थे। साथ ही इस दौरान 15 कैदियों की बीमारी एवं अन्य कारणों से मौत हो गई।