नागपुर। (नामेस)। महाराष्ट्र उद्योग और व्यापार संघ (कैमिट) के अध्यक्ष डॉ. दीपेन अग्रवाल ने राज्य के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने राजस्व मुकदमेबाजी को समाप्त करने का प्रयास किया है। जीएसटी की शुरूआत से पहले अप्रत्यक्ष करों के लिए निपटान योजना 2022 शुरू करना। यदि स्थानीय निकाय कर को प्रस्तावित माफी योजना में शामिल किया जाता तो व्यापार और उद्योग को अधिक लाभ होता। हालांकि, सभी नगर निगमों में एलबीटी विभाग को बंद करने के लिए व्यापार की लंबित वास्तविक मांग को स्वीकार नहीं करने से राजस्व मुकदमेबाजी मुक्त राज्य की मंशा दूर का सपना है। डॉ. अग्रवाल ने कहा, एफएम ने अच्छे भुगतान वाले किसानों को कुछ राहत दी है, ‘लेकिन आम आदमी संकट में है। एफएम ने सीएनजी पर वैट में कमी की घोषणा की लेकिन पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक खपत वाले ईंधन पर कर कम नहीं किया।’ पिछले वर्षों में दी गई बिजली शुल्क रियायतों को फिर से शुरू करने की लंबे समय से लंबित मांग पर चुप्पी से क्षेत्र के उद्योग निराश हैं। स्टाम्प ड्यूटी क्षेत्रों के लिए एमनेस्टी योजना और पूर्व के कार्यों पर भुगतान किए गए स्टाम्प शुल्क के सेटआॅफ में छेड़छाड़, छह राजस्व मंडलों में नवाचार केंद्र और सड़क/राजमार्ग नेटवर्क को बढ़ाना स्वागत योग्य कदम हैं, जो आने वाले समय में फल देंगे। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि एफएम के प्रयास वास्तविक हैं, लेकिन बहुत कुछ किया जा सकता था। हम इस साल के बजट के लिए 10 के पैमाने पर 7 देने पर सुरक्षित रूप से विचार कर सकते हैं।