-दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया था आरोपियों ने
-गोकुलपेठ बाजार के व्यस्त इलाके में हुआ था हत्याकांड
-जिला एवं सत्र न्यायधीश आजमी ने सुनाया फैसला
नागपुर। (नामेस)।
29 सितंबर 2016 को गुरुवार के दिन पिस्तौल से लैस अपराधियों ने दिनदहाड़े अत्यंत व्यस्त गोकुलपेठ बाजार में पुलिस चौकी के सामने प्रतिद्वंद्वी को गोलियों से भून डाला था. इस वारदात में उसका साथी भी जख्मी हो गया था. दोपहर में हुई इस वारदात से गोकुलपेठ बाजार में दहशत फैल गई थी. मृतक सचिन उर्फ डुंड्या प्रकाश सोमकुंवर (38) मुंजे बाबा ले-आऊट तथा जख्मी सुरेश डोंगरे था. जिला एवं सत्र न्यायधीश डीजे 1- एम. एस.आजमी ने इस मामले में आरोपी राजा परतेकी और आरोपी रोशन परतेकी को हत्या में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अन्य आरोपी अंकित पाली, बिट्टु अशरफ और प्रदीप उईके को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। सचिन के खिलाफ हत्या सहित सात मामले दर्ज हैं. उसने 21 अप्रैल 2014 को अपराधी बाल्या उईके की पांढराबोड़ी में हत्या की थी. इसके बाद से सचिन का पांढराबोड़ी और गोकुलपेठ बाजार में दबदबा हो गया था. जमानत पर रिहा होने के बाद उसने पूर्व नागपुर के गैंगस्टर का हाथ थाम लिया था. गैंगस्टर द्वारा आर्थिक मदद किए जाने से सचिन की ताकत काफी बढ़ गई थी. इससे बाल्या के साथी राज्या परतेकी, रोशन परतेकी अंकित पाली, बिटटू उर्फ अशफाक काफी आहत थे. वह सचिन को ठिकाने लगाने की फिराक में थे. सचिन के पिता गोकुलपेठ बाजार में सब्जी का ठेला लगाते हैं. दोपहर करीब 1 बजे सचिन अपने साथी सुरेश डोंगरे के साथ गोकुलपेठ बाजार पहुंचा था . दोनों ने एक दुकान में चाय पी. यहां से निकलने लगे. सुरेश ने बाइक स्टार्ट की. सचिन बाइक पर बैठने लगा. उसी वक्त लक्ष्मी भवन चौक की दिशा से आए दो युवकों ने उस पर पिस्तौल तान दी. घटनास्थल के समीप ही हमलावर युवकों के साथी भी छिपे हुए थे. उन्होंने भी सचिन और सुरेश को घेर लिया. दोनों कुछ समझ पाते इसके पहले ही हमलावरों ने गोलियां चला दीं. उनका निशाना सचिन ही था. फायरिंग होते ही सुरेश भागने लगा. इस प्रयास में एक गोली उसे छूकर निकल गई. हमलावरों ने उसे नजरअंदाज करके एक दर्जन से अधिक फायर किए. सचिन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी। सरकार की तरफ से 18 गवाहों को पेश किया गया। सरकार की तरफ से सरकारी अधिवक्ता एडवोकेट अभय जिकार ने मामले को पेश किया तथा उम्रकैद की सजा प्राप्त आरोपी राजा परतेकी की तरफ से एडवोकेट गायकवाड़,आरोपी रोशन परतेकी के तरफ से एडवोकेट दीपक दीक्षित, सबूतों के अभाव में बरी हुए अंकित पाली की तरफ से एडवोकेट पराग ऊके, आरोपी बिट्टू अशरफ के तरफ से एडवोकेट दीपक दीक्षित तथा आरोपी प्रदीप ऊके की तरफ से चैतन्य बर्वे कोर्ट में मामले की पैरवी की।