नागपुर।(नामेस)। महिला दिवस के अवसर पर पुलिस आयुक्तालय द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं का सत्कार किया गया. वनामती के सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में बतौर प्रमुख अतिथि मुंबई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश वासंती नाईक ने कहा कि महिला पुलिस अधिकारियों की प्रतिभा बहुआयामी है. अन्य क्षेत्र की तुलना में पुलिस विभाग का कार्य जटिल है लेकिन अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ कर्तव्यनिष्ठ होकर पुलिस विभाग में सेवा देना कठिन है. कार्यक्रम की अध्यक्षता सीपी अमितेश कुमार ने की. ज्वाइंट सीपी अस्वती दोरजे, डीआईजी नवीनचंद्र रेड्डी और सुनील फुलारी भी मंच पर उपस्थित थे. अतिथियों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं का सत्कार किया गया जिनमें डीसीपी चेतना तिड़के, एसीपी माधुरी बाविस्कर, नयन अलूरकर, इंस्पेक्टर वैजयंती मांडवधरे, शुभांगी देशमुख, विद्या जाधव, तृप्ति सोनवने, आशालता खापरे, प्रभा एकुरके, उच्च न्यायालय की मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी, जिला सरकारी वकील सरिता ताराम, विशेष सहायक सरकारी वकील ज्योति वजानी, रश्मि खापर्डे, चाइल्ड लाइन की पूजा कांबले, अधि. मंजीतकौर मतानी, बॉक्सर अल्फिया अकरम पठान और अन्य का सत्कार किया गया.
संकट में सबसे पहले पुलिस याद आती है
पूर्व न्या.नाईक ने कहा कि बतौर वकील और न्यायाधीश कार्य करते हुए कई पुलिस अधिकारियों से संपर्क हुआ. ये सभी पुलिस अधिकारी अनुशासित और कर्तव्यदक्ष थे. पुलिस का काम बहुत जोखिम भरा होता है. किसी भी प्रकार का संकट आने पर सबसे पहले पुलिस की याद आती है. यदि आप समाज को अच्छी सेवा देंगे तो भविष्य में आपको अच्छे फल मिलेंगे.
अब दी जाएगी डिटेक्शन की जिम्मेदारी
सीपी अमितेश कुमार ने कहा कि उपराजधानी में 33 पुलिस थाने हैं, जिनमें से 6 थानों में महिला पुलिस निरीक्षक नेतृत्व कर रही हैं. जल्द ही महिला अधिकारियों को डिटेक्शन की भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. मानकापुर में तैनात एपीआई मंगला मोकाशे यह काम बखूबी कर रही हैं. जल्द ही अन्य थानों में डिटेक्शन स्क्वाड का नेतृत्व महिला अधिकारियों को सौंपा जाएगा. अपराधियों में महिला पुलिस का भी भय होना चाहिए. ज्वाइंट सीपी दोरजे ने कहा कि हर क्षेत्र में महिला अग्रसर है. पुलिस विभाग में सेवा देते हुए कठोर मेहनत कर रहीं महिलाओं पर हमें अभिमान है. सर्वांगीण विकास में महिलाओं का बड़ा योगदान है.