कीव। (एजेंसी)। रूस की ओर से यूक्रेन पर किए गए हमले में 198 लोगों की मौत हुई है जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री ने यह दावा किया है। स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको ने शनिवार को बताया कि मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि, उनके बयान से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि मारे गए लोगों में जवान और नागरिक दोनों शामिल हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि गुरुवार को बड़े पैमाने पर हवाई और मिसाइलों के जरिए हुए हमलों में उत्तर, पूर्व और दक्षिण से यूक्रेन में 33 बच्चों सहित 1115 लोग घायल हुए हैं। वहीं, रूस की सेना ने कहा है कि उसने यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर क्रूज मिसाइलों से हमला किया है। रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने शनिवार को कहा कि सेना ने लंबी दूरी की कलिब्र क्रूज मिसाइलों से कई यूक्रेनी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि गुरुवार को रूस के हमले की शुरूआत के बाद से सेना ने यूक्रेन के 821 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है, जिसमें 14 हवाई अड्डे और 19 सैन्य कमान केंद्र भी शामिल हैं। इसके साथ ही 24 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली, 48 रडार, सात युद्धक विमान, सात हेलीकॉप्टर, नौ ड्रोन, 87 टैंक और आठ सैन्य जहाजों को नष्ट कर दिया है। कोनाशेनकोव ने यह नहीं बताया कि यूक्रेन के कितने सैनिक मारे गए और रूसी पक्ष में किसी के हताहत होने का भी उल्लेख नहीं किया। यूक्रेन ने भी दावा किया है कि उसकी सेना ने हजारों रूसी सैनिकों को मार डाला है। दोनों देशों में से किसी के दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
निंदा प्रस्ताव के खिलाफ भारत ने बनाई दूरी
जिस बात की उम्मीद लगभग पूरी दुनिया को थी, ठीक वैसा ही हुआ। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव के खिलाफ रूस ने वीटो का इस्तेमाल किया। यूएनएससी ने यूक्रेन के खिलाफ पुतिन की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की थी और वहां से सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की थी। परिषद के 15 सदस्यों में से 11 ने निंदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसे संयुक्त राज्य और अल्बानिया द्वारा संयुक्त रूप से लिखा गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव पर भारत के स्टैंड को लेकर भी काफी कयास लगाए जा रहे थे। वोटिंग के साथ इसका भी पटाक्षेप हो गया। भारत इससे खुद को दूर रखा। इसका अलावा चीन और यूएई ने भी परहेज किया।
दो दिनों में कब्जा कर सकती है रूसी सेना
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध लंबा नहीं चलेगा। नाटो सेनाओं के यूक्रेन की मदद के लिए नहीं आने से यह खतरा टल चुका है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस अगले एक-दो दिनों के भीतर यूक्रेन को अपने कब्जे में लेने में सफल हो सकता है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस चुकी है। जिस प्रकार से यूक्रेन पुलों को तोड़कर सेना को रोकने की कोशिश कर रहा है, उससे भी स्पष्ट है कि अब बहुत ज्यादा समय तक वह लड़ने की स्थिति में नहीं है।
यूक्रेन की रणनीतिक चूक
रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टनेंट जनरल राजेन्द्र सिंह ने कहा कि यह यूक्रेन की रणनीतिक चूक है। वह अमेरिका और नाटो देशों के झांसे में फंस गया। सिंह के अनुसार, आज कोई देश युद्ध तभी लड़ सकता है, जब वह खुद इसमें सक्षम हो या फिर कोई और देश या देशों का समूह उसकी मदद कर रहा हो। अमेरिका या नाटो देश यूक्रेन को मदद की बात कह रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी भी नहीं कहा कि वे यूक्रेन के मदद के लिए सेना भेजेंगे। यूक्रेन को भी इन तथ्यों पर गौर करना चाहिए था।
देर रात सड़क पर निकले राष्ट्रपति जेलेंस्की
रूस के लगातार हमलों और राजधानी कीव के घिर जाने के बावजूद राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की अपने देश यूक्रेन में ही डटे हुए हैं। इसकी पुष्टि एक वीडियो से हुई है और यह वीडियो खुद जेलेंस्की ने जारी किया है। अपने सलाहकारों और प्रधानमंत्री से घिरे जेलेंस्की ने यूक्रेन की राजधानी कीव में किसी सड़क से एक वीडियो जारी कर कहा, हम कीव में हैं और यूक्रेन की रक्षा कर रहे हैं। इससे पहले जारी एक और वीडियो में भावुक अपील करते हुए जेलेंस्की ने कहा था , ‘मैं यूक्रेन में हूं और मेरा परिवार यूक्रेन में है। मेरे बच्चे यूक्रेन में हैं। वे गद्दार नहीं हैं। वे यूक्रेन के नागरिक हैं। हमें जानकारी मिली है कि दुश्मन के पहले निशाने पर मैं और मेरा परिवार है।’
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से की बात
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और रूसी हमले के बारे में दी जानकारी है. उन्होंने सुरक्षा परिषद में पॉलिटिकल सपोर्ट देने का आग्रह किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. हमारी जमीन पर एक लाख से अधिक आक्रमणकारी पहुंच चुके हैं. वे आवासीय भवनों पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं. हमने पीएम मोदी से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमें राजनीतिक समर्थन देने का आग्रह किया.’ उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि एक साथ मिलकर हमलावर को रोकें!