-राज्य सरकार के कर्मियों को भी एनपीएस में योगदान पर 14% टैक्स छूट मिलेगी
-60 लाख नई नौकरियां देने का भी वादा
-रेल मंत्रालय को मिले 140367.13 करोड़ रुपये
नई दिल्ली। (एजेंसी)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए पेश आम बजट में न तो आयकर स्लैब्स बदली गई है और न ही कोई बड़ी छूट दी गई है। हालांकि, करदाताओं को बड़ी राहत के तौर पर दो साल में अपने रिटर्न को अपडेट करने की अनुमति दी है। इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में योगदान पर 14% टैक्स छूट देने का फैसला किया है।
नौकरीपेशा और करदाताओं को बजट से निराशा ही हाथ लगी, मध्य वर्ग को भी कुछ नहीं मिला. करदाताओं को दो साल पहले लागू नए टैक्स स्लैब में होम लोन से मिलने वाली टैक्स छूट शामिल किए जाने की उम्मीद थी. इसके अलावा लोग वर्क फ्रॉम होम से बढ़े खर्च पर भी टैक्स छूट मिलने की आस लगाए हुए थे. फिलहाल ऐसी कोई राहत नहीं दी गई है. इस बजट से खासतौर पर महिलाओं, किसानों, दलितों और युवाओं पर फोकस किया गया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि, सभी का कल्याण ही हमारा लक्ष्य है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट घोषणा में 60 लाख नई नौकरियां देने का वादा किया है। आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी। वहीं, मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी।
बजट का आकार 4.5 बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ कर दिया गया है.
1. पिछले साल से पौने दो लाख रुपए ज्यादा खर्च करेगी सरकार
2. खपत बढ़ने से मिलेंगे ज्यादा रोजगार
3. लोगों की आय में होगा इजाफा
बजट में कोई बड़ा लोकलुभावनी ऐलान नहीं किया गया है.
1. टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं
2. किसानों, महिलाओं के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं
3. इंफ्रा पर ज्यादा जोर
4. ग्रोथ पर फोकस
5. महंगाई पर कोई बात नहीं
रेलवे को लेकर कुछ खास घोषणाएं नहीं
आम बजट में इस बार रेलवे को लेकर कुछ खास घोषणाएं देखने को नहीं मिलीं. वित्त मंत्री ने इस बार रेल मंत्रालय को साल 2022 के लिए बजट में 140367.13 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले तीन साल में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेन तैयार की जाएंगी. वहीं इस दौरान 100 प्रधानमंत्री गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल तैयार किए जाएंगे.
रेल यात्रियों को नहीं मिली कोई राहत
केंद्र सरकार ने इस बार रेल यात्री किराए और मालभाड़े से आम लोगों को कोई राहत नहीं दी है. रेलवे को लेकर लोगों को उम्मीदें बजट आने के साथ धराशाई होती दिखीं. दरअसल, पिछली बार सरकार ने घाटे को कम करने के लिए यात्री किराए में वृद्धि की थी और उस दौरान कोरोना महामारी को वजह माना जा रहा था. लेकिन, इस बार रिकॉर्ड जीएटी कलेक्शन के बावजूद सरकार ने यात्रियों को कोई राहत नहीं दी.