नागपुर।(नामेस)। राष्ट्रसंत टुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने अपने कर्मचारियों की सुविधा के लिए 92 आवासों का निर्माण किया था। जिन कर्मचारियों को यह आवास प्रदान किया गया है, वे किसी अन्य कर्मचारी या उप-किरायेदार को काम पर नहीं रख सकते हैं। हालांकि नियमों के अनुसार अगर वे ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी। यह नियमों में स्पष्ट तरीके से कहा गया है। लेकिन तीन अपात्र परिवार नागपुर विश्वविद्यालय के आवासों में रह रहे हैं। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि यूनिवर्सिटी ने उनके खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। आरटीआई से हुआ यह खुलासा: उपराजधनी के एक आरटीआई कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने आरटीआई के तहत नागपुर विश्वविद्यालय से संपर्क किया था। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा कर्मचारियों को उपलब्ध कराए गए आवास के बारे में पूछा था कि कितने आवास खाली हैं, कितने स्थानों पर अपात्र व्यक्तियों का कब्जा है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार नागपुर विश्वविद्यालय ने अपने कर्मचारियों के लिए 92 आवासों का निर्माण किया है। इनमें से 39 आवास खाली हैं। यह आवास केवल उन कर्मचारियों को दिया जाता है जिनके पास नागपुर में घर नहीं है। कर्मचारियों को केवल 11 महीने के लिए आवास दिया जाता है और उन्हें उस अवधि की समाप्ति से पहले नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होता है। विश्वविद्यालय में कुछ समय पहले बड़ी संख्या में शयनगृह हुआ करते थे, लेकिन अब इनमें से 42 प्रतिशत आवास खाली हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि आवास में रहने वाले अपात्र परिवार के सदस्यों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।