नागपुर।(नामेस)। आजकल नागरिक अक्सर कम निवेश में ज़्यादा रिटर्न्स पाने की लालच में आ जाते हैं, तो कई मामलों में नुकसानदेय साबित हो सकता है. इंटरनेट में आजकल कुछ ऐसे लिंक्स और साइट होते हैं जो दरअसल सत्य को छुपाते हैं, कम निवेश में ज़्यादा रिटर्न्स दिलाना या लोगों को भयभीत करके किसी स्कीम के लिए पंजीकरण कराने हेतु प्रेरित किया जाता है. लेकिन इन साइट्स के पीछे साइबर अपराधियों के नापाक मंसूबे और उनका स्वार्थ छिपा है. इसलिए लालच, डर और कम निवेश में ज़्यादा रिटर्न्स दिलाने वाले चीजों से दूर रहकर आर्थिक, मानसिक और सामाजिक नुकसान से बचा जा सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से नागरिक इस गलत रस्ते पर पर चले जाते हैं. नागरिकों की इसी मानसिकता का नाजायज़ फायदा उठाते हुए साइबर अपराधियों ने साल भर में तीन हजार से अधिक नागरिकों को ठग कर 15 करोड़ रुपए का गबन किया है. इसलिए ऑनलाइन डील करते समय नागरिक सतर्क रहने का आवाहन साइबर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया है. साइबर अपराधी इतने चालाक हैं कि वे हर बार नए तकनीक अपना लेते हैं. अतः नागरिकों को सतर्क होना होगा. क्योंकि इन अपराधियों की जाल में फंसने वाले अगले व्यक्ति आप भी हो सकते हैं. इसलिए आधुनिक युग में ऑनलाइन लेन-देन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत होना अत्यंत आवश्यक हो गया है. जानकारी के अभाव में उच्च शिक्षित लोग जैसे डॉक्टर, इंजिनियर और वकील भी ठगे जाते हैं. कुछ युवाओं ने साइबर क्राइम को अपना धंधा भी बना लिया है क्योंकि वे एक ही पल में लाखों रुपए कमा रहे हैं. झारखंड के जामताड़ा के कुछ युवा यही धंधा कर रहे हैं. खास बात तो यह है कि ये अपराधी ट्रेनिंग भी ले रहे हैं और टेक्नोलॉजी में पारंगत हो रहे हैं. उन्होंने देश भर के लोगों को धोखा दिया है। इनमें से अधिकांश युवाओं ने उपराजधानी नागपुर में जनता को धोखा दिया है। जनवरी से नवंबर के बीच साइबर अपराधियों ने करीब 3 हज़ार नागरिकों से 15 करोड़ रुपए की ठगी की है.
लालच दिखाकर ठगते हैं साइबर अपराधी
आपका क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड ब्लॉक कर दिया गया है, बैंक खाता, एटीएम बंद है, इसे शुरू करने के लिए आपको एक लिंक दिया गया है. ग्राहक केवाईसी करना चाहता है, इसलिए वह भी ठगा जाता है. सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर, लिंक भेजकर और लॉटरी शुरू होने की बात कहकर भी ठगी की जाती है.
ऑनलाइन लेनदेन की पूरी प्रक्रिया जानें नागरिक
साइबर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नितिन फटांगारे ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि ऑनलाइन बैंक खाता धारकों को पूरी प्रक्रिया जानने की ज़रूरत है. ऑनलाइन लेनदेन करते समय, सुनिश्चित करें कि प्रक्रिया आधिकारिक है या नहीं. किसी कंपनी की हेल्पलाइन या टोल फ्री नंबर की तलाश करते समय सावधान रहें. हो सके तो ऐसे नंबरों से संपर्क करने से बचें. न तो बैंक और न ही संबंधित एजेंसी ओटीपी की मांग करती है. न ही ग्राहकों से गोपनीय खाते की जानकारी मांगा जाता है.