रामटेक:
रामटेक में दशहरा उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। गढ़ मंदिर पर प्रभु रामचंद्र का मंदिर होने के कारण दशहरा उत्सव बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। रावण दहन की परंपरा पूरे देश में है। हालांकि रामटेक में रावण के वध की परंपरा है।इस वर्ष मनापुर के पास डिगी मैदान में रावण और शूर्पणखा की प्रतिमाओं का प्रतीकात्मक रूप से वध कर दहर किया गया. इस अवसर पर रामटेक की उपविभागीय अधिकारी एवं गढ़ मंदिर देवस्थान की रिसीवर वंदना सवरंगपते, रामटेक के नगराध्यक्ष दिलीप देशमुख, उपाध्यक्ष आलोक मानकर, तहसीलदार बालासाहब मस्के, उपविभागीय पुलिस अधिकारी नयन आलूरकर, मुख्य अधिकारी हर्षल गायकवाड, पुलिस निरीक्षक प्रमोद मकेश्वर, सहायक पुलिस निरीक्षक विवेक सोनवणे, मानापुर के सरपंच संदीप सावरकर, पुलिस पाटिल मारोती ठाकरे, गढ़ मंदिर के मुख्य पुजारी मोहन पंडे, अविनाश पांडे, अन्य पुजारी, गढ़ मंदिर के अन्य कर्मचारी, रामटेक और मनापुर के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. पिछले साल से कोरोना महामारी के चलते सरकार के निर्देशानुसार कुछ ही लोगों की मौजूदगी में रावण वध का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आम जनता को राखी झील से उस जगह जाने की इजाजत नहीं थी जहां रावण का वध हुआ.