रामटेक।
कृषि और किसानों की दुर्दशा सर्वविदित है। असमानी और सुल्तानी संकट ने किसानों की कमर तोड़ दी है। इसके अलावा रासायनिक उर्वरकों की बढ़ती लागत और फसलों पर विभिन्न रोगों, असुरक्षित बाजार मूल्य और मिट्टी की खोई हुई बनावट के कारण किसान परेशान हो रहे हैं। दूसरी ओर, रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से होने वाली खाद्य जनित बीमारी मानव जीवन के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गई है। इसके स्थायी समाधान के रूप में, आकाशझेप फाउंडेशन रामटेक द्वारा संचालित आम्ही भारतीय अभियान के तहत जैविक उर्वरक प्रबंधन और जैविक खेती पर एक ‘कृषि संवर्धन’ परियोजना लागू कर रहे हैं। इसके एक भाग के रूप में, उद्यमी किसान दुतियोधन कडबे के खेत पर रामटेक तालुका के किरनापुर (कचुरवाही) में 3 अक्तूबर को एक वर्मीकम्पोस्ट गड्ढे भरने की गतिविधि की गई। भारतीय अभियान के मुख्य समन्वयक, सक्षोधन कडबे द्वारा निर्देशित, “हम मानते हैं कि जैविक खाद के उपयोग से कृषि और किसान समृद्ध होंगे और किसानों से जैविक खेती के साथ-साथ जैविक खाद का उपयोग करने का आग्रह करेंगे।” आकाशझेप के निदेशक वैभव तुरक और उद्यमी किसान शेषराज कुथे ने मार्गदर्शन प्रदान किया। आकाशझेप के सदस्य सोपक कडबे, ज्योति कडबे, कैलाश कुथे, दुर्गेश वाघाड़े और सुधाकर नेवारे उपस्थित थे। आकाशझेप के सदस्य और किसान दुतीयोधन कडबे ने कहा कि नागपुर ऑर्गेनिक एग्रो प्रोड्यूसर प्रा. लिमिटेड नागपुर के निदेशक गजानन गिरोलकर का हृदय से आभार व्यक्त किया।