सबसे ज्यादा समय तक सेवा देने वाले सीपी बने अमितेश कुमार

शहर पुलिस दल में पुलिस आयुक्त के रूप में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करते ही सबसे ज्यादा लंबे समय तक पुलिस आयुक्त के रूप में सेवा देने का रिकॉर्ड भी पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार अपने नाम किया है। 4 सितंबर, 2020 को उन्होंने शहर की कमान संभाली थी. शहर में 3 वर्ष सेवा देने वाले वे अकेले सीपी हैं. एक अनौपचारिक चर्चा में उन्होंने बताया कि नागपुर की कमान हाथ में लेने के बाद अपराध की समीक्षा करने पर शहर में खून-खराबे के मामले ज्यादा थे. इसीलिए उनका पहला टार्गेट अपराध पर प्रतिबंध लगाना था। नागपुर में हर वर्ष औसतन 100 हत्याएं होने का इतिहास रहा है. इसीलिए उन्होंने अपराधियों पर नकेल कसनी शुरू की.
उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनौतियों के हिसाब से पुलिस को लोकाभिमुख होकर काम करना होगा. वर्ष 2021 से शुरू हुई कार्रवाई का असर वर्ष 2022 में देखने को मिला. बीते वर्ष शहर में 65 मर्डर हुए थे, जो पिछले वर्षों की तुलना में 35 प्रतिशत कम था. इस वर्ष अगस्त महीने तक 8 मर्डर ज्यादा हुए हैं. सितंबर से दिसंबर 2020 तक 10 अपराधियों पर एमपीडीए लगाया गया. 2021 में रिकॉर्ड तोड़ 63 कार्रवाई हुई. वर्ष 2022 में 32 और इस वर्ष अब तक 42 अपराधियों पर एमपीडीए की कार्रवाई की जा चुकी है.अपराधियों पर मकोका बड़े पैमाने पर अपराधियों की गैंग पर मकोका भी लगाया गया है. अब तक 34 गैंग पर मकोका लगाया जा चुका है, जिसमें 204 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. ये सभी चर्चित गैंग सलाखों के पीछे हैं. गौ वंश की हत्या करने वाले अवैध कत्लखानों पर पुलिस ने 2 वर्षों में 398 मामले दर्ज कर 554 अपराधियों को गिरफ्तार किया. उनसे 18.59 करोड़ रुपये का माल भी जब्त किया गया.
रेत की तस्करी अन्य जिलों और ग्रामीण इलाकों से रेत चोरी कर शहर लाई जा रही थी. ऐसे 121 मामले दर्ज कर 267 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. उनसे 17 करोड़ रुपये का माल जब्त किया गया. सीपी ने बताया कि अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने से ही कानून का डर बनेगा. इसीलिए शहर में शांति भंग करने वाले अपराधियों को तड़ीपार किया जा रहा है ।
पुलिस का नागरिकों में विश्वास बढ़ाना जरूरी इस दौरान अमितेश कुमार ने कहा की पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को अपना काम पूरी प्रामाणिकता के साथ करना चाहिए. समाज के हर तबके को न्याय दिलाना पुलिस की जिम्मेदारी है. बीट मार्शल को नए ढंग से सक्रिय करने के कारण अपराध पर नियंत्रण कसा जा सकता है. पूरी पारदर्शिता के साथ हमने कर्मचारियों के तबादले किए. मनचाही जगह पर पोस्टिंग दी, जिससे उनकी कार्य कुशलता में बढ़ोतरी हो सके। बीते 3 वर्षों में शहर पुलिस की 958 जगाहों पर नियुक्ति की गई। इसमें 171 पुलिस कर्मचारियों के बच्चों को अनुकंपा के तहत नौकरी दी गई.
कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. इसीलिए आईपीएस अधिकारियों की तरह सभी कर्मचारियों की भी मेडिकल जांच करवाई गई है और उनके रिकॉर्ड भी एक जगह रखा जा रहा है।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार पर हो रहा है काम हालांकि इस दौरान पुलिस आयुक्त ने स्वीकार किया कि शहर के ट्रैफिक मैनेजमेंट पर जितना काम होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने पर ध्यान केंद्रिय किया जाएगा. इसके लिए जानकारों के साथ चर्चा की जाएगी.
साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को जल्द गति से निपटाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। उन्होंने नागपुर को ड्रग फ्री शहर बनाने का सपना देखा था. हालांकि इस दिशा में भी जितना काम होना चाहिए उतना नहीं हो पाया है और आने वाले समय में निश्चित ही नशीले पदार्थ बेचने वाले या तो जेल में होंगे या शहर के बाहर. इस दौरान पुलिस ने 3 वर्षों में नशीले पदार्थ बेचने वाले 941 लोगों पर कार्रवाई कर 1279 अपराधियों को गिरफ्तार कर 10 करोड़ रुपये का माल जब्त किया गया।

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