वर्धा।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा है कि श्रेष्ठतम मनुष्य का निर्माण करना शिक्षकों का अहम दायित्व है। शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के गालिब सभागार में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन पद्धति से आयोजित कार्यक्रम में मंच पर प्रति-कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल, शिक्षा विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. मनोज कुमार, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. गोपाल कृष्ण ठाकुर, साहित्य विद्यापीठ के प्रो. कृष्ण कुमार सिंह तथा कुलसचिव कादर नवाज़ खा़न उपस्थित थे।कुलपति प्रो. शुक्ल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इस नीति में शिक्षक को समाज के केंद्र में लाया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भूमिका अनगढ़ पत्थर को तराशने की है. आज भी समाज में शिक्षकों का सम्मान है। शिक्षकों को बदलते परिवेश में स्वयं को ढालते हुए आत्मालोचना भी करनी चाहिए।प्रास्ताविक और स्वागत वक्तव्य देते हुए प्रति-कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल ने कहा कि शिक्षक दिवस शिक्षकों के लिए गौरव बोध और आत्मालोचन का दिन है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने देश की भाषा में पढ़ा़ई का अवसर दिया है। उन्होंने शिक्षक समुदाय से शिक्षण संस्थाओं के रूपांतरण की चुनौती का सामना करने का आवाहन भी किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो. गोपाल ठाकुर ने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों को आगे बढने के लिए प्रेरित करना चाहिए और संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए डिजिटल शिक्षा की दिशा में स्वयं को तैयार करना चाहिए। साहित्य विद्यापीठ के प्रोफेसर कृष्ण कुमार सिंह ने शिक्षक दिवस पर सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने का आवाहन करते हुए कहा कि कौशल को तकनीक की मदद से विकसित किया जाना चाहिए।