
पुणे में होळकर वंशज भूषणसिंहराजे होळकर ने पत्रकार परिषद आयोजित कर वाघ्या समाधी विवाद पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वाघ्या कुत्रे (कुत्ते) का वास्तव में अस्तित्व था या नहीं, इस पर वे कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, बल्कि इतिहास के प्रमाणों के आधार पर ही निर्णय लिया जाना चाहिए।उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि बिना किसी पक्षपात के दोनों गुटों की बात सुनी जाए और सामंजस्य से समाधान निकाला जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि होळकर परिवार का रायगड़ शिवसमाधी से भावनात्मक संबंध है, क्योंकि उन्होंने इसके लिए दान दिया था।भूषणसिंहराजे ने कहा कि महाराष्ट्र में हर ऐतिहासिक मुद्दे को जातीय और राजनीतिक विवाद बनाया जा रहा है, जबकि नेताओं को रोजगार और महंगाई जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दो समुदायों के बीच टकराव हुआ तो वे संभाजीराजे का भी विरोध करेंगे।उन्होंने मांग की कि सरकार इतिहासकारों की एक समिति बनाए और प्रमाणों के आधार पर निर्णय ले। साथ ही, उन्होंने कहा कि “औरंगजेब की समाधि का मुद्दा उठाने से बेहतर है कि ताराराणी की समाधि के संरक्षण पर ध्यान दिया जाए।”