नागपुर: वरिष्ठ नागरिकों को जीवन के अंतिम चरण में शांति और आराम प्रदान करने के लिए नगर निगम स्तर पर विश्राम केंद्र स्थापित करना आवश्यक है। जिलाधिकारी डॉ. विपीन इटनकर ने इस दिशा में पहल करते हुए नगर निगम को ऐसे केंद्रों की स्थापना के निर्देश दिए। इन केंद्रों में वरिष्ठ नागरिकों को मनोरंजन और आराम के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक का आयोजन और सहभागिता
जिला वरिष्ठ नागरिक समन्वय नियंत्रण समिति की बैठक छत्रपति शिवाजी महाराज सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक में समाज कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त सुकेशिनी तेलगोटे, वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ नागरिक संघ के पदाधिकारी, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। बैठक के दौरान महाराष्ट्र वरिष्ठ नागरिक महासंघ के दो नए सदस्यों की नियुक्ति की गई। साथ ही वरिष्ठ नागरिक कक्ष के संयोजक, उपसंयोजक, सहसंयोजक और अन्य सदस्यों की नियुक्तियों पर भी चर्चा की गई।
वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा का मुद्दा
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कई वरिष्ठ नागरिक, जो अपने पूरे जीवन बच्चों और परिवार के लिए समर्पित रहे, वृद्धावस्था में उपेक्षा और तिरस्कार का सामना करते हैं। ऐसे हालात में उनके जीवन को आरामदायक और सम्मानजनक बनाने के लिए विश्राम केंद्रों की स्थापना बेहद जरूरी है। यह केंद्र उनके लिए न केवल मनोरंजन और विश्राम का स्थान होंगे बल्कि उन्हें सामाजिक संपर्क और भावनात्मक सहारा भी प्रदान करेंगे।
विश्राम केंद्रों में उपलब्ध सुविधाएं
जिलाधिकारी के अनुसार, प्रस्तावित विश्राम केंद्रों में मनोरंजन के लिए पुस्तकालय, शतरंज, कैरम बोर्ड, योगा कक्षाएं, और स्वास्थ्य जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों को सामुदायिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
समाज की जिम्मेदारी
बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वे अपने बुजुर्गों का सम्मान करें और उनके जीवन को बेहतर बनाने में योगदान दें।
आगे की योजना
जिला प्रशासन ने इस दिशा में तेजी से काम करने की योजना बनाई है। विश्राम केंद्रों के लिए संभावित स्थानों की पहचान और आवश्यक बजट का निर्धारण किया जाएगा। इसके अलावा, निजी संगठनों और नागरिक समूहों को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
समाज कल्याण का महत्वपूर्ण कदम
यह पहल वरिष्ठ नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आवश्यक सहारा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नगर निगम और समाज के सहयोग से इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।पसंयोजक, सहसंयोजक और सदस्य नियुक्ति के बारे में भी चर्चा की गई।
अक्सर, जो माता-पिता जीवन भर अपने बच्चों की देखभाल करते हैं, वृद्धावस्था में उन्हें परिवार के सदस्यों से तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। हर किसी की इच्छा होती है कि उनका आखिरी सफर सुखमय हो, लेकिन संवेदनहीन बच्चों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा की जाती है।
ऐसे में उनके शेष जीवन को आराम से जीने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के लिए विश्राम केंद्रों का निर्माण बेहद जरूरी है।