उमरेड में भारी वाहतूक पर ग्रामीणों का कड़ा विरोध

उमरेड तहसील के चांपा-हलदगांव-खापरी मार्ग पर भारी वाहतूक शुरू करने के प्रस्ताव का स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने तीव्र विरोध किया है। हलदगांव ग्रामसभा ने पहले ही इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद दोबारा भारी वाहतूक चालू करने की कोशिशों से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है।
बैठक और ग्रामीणों की नाराज़गी
उमरेड के विधायक संजय मेश्राम की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपविभागीय अधिकारी विद्यासागर चव्हाण, तहसीलदार मनोहर चव्हाण, गटविकास अधिकारी पटले, पुलिस निरीक्षक काळे, हलदगांव के सरपंच गोविंदा हाते, पांचगांव के सरपंच चेतन फटिंग, सायकी के सरपंच प्रशांत व्यापारी, परसोडी के सरपंच धोटे सहित कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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ग्रामीणों ने कहा कि खराब सड़क, पर्यावरणीय नुकसान और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता है“ग्रामसभा के ठराव के अनुसार भारी वाहतूक बंद है। यदि इसे तोड़ा गया तो सड़क की हालत और बिगड़ेगी और ग्रामीणों की जान को खतरा होगा। हम इसका अंत तक विरोध करेंगे।”

ग्राम पंचायत सदस्य जगदीश सोनवणे ने कहा कि क्रशर प्लांट्स से उड़ने वाली धूल, गड्ढों से भरी सड़क और भारी वाहनों की भीड़ से स्कूल, अस्पताल और खेती प्रभावित हो रही है। वहीं, किसान सुनील पोहणकर ने चांपा-हलदगांव-खापरी मार्ग पर तत्काल सीमेंट सड़क बनाने की मांग की और गिट्टी खदानों की एनओसी रद्द करने की चेतावनी दी।
“ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही आगे कदम उठाए जाएंगे।” तहसीलदार मनोहर चव्हाण और पुलिस निरीक्षक काळे ने यातायात नियोजन पर ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया।

क्रशर प्लांट संघटना के अध्यक्ष ने भारी वाहतूक से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों पर अपनी बात रखी। वहीं, सरपंच प्रशांत व्यापारी (सायकी) और सरपंच धोटे (परसोडी) ने कहा –
“भारी वाहनों से गांव के विकास कार्यों पर असर पड़ेगा। हम शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं, लेकिन आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन करेंगे।”
बैठक में चांपा के पूर्व सरपंच अतिश पवार, पूर्व उपसरपंच सुनील पोहणकर, जगदीश सोनवणे, भोजराज हाते, सुमित जैस्वाल आदि ने ग्रामीणों के शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। सभी ग्रामीणों ने एकमत से ठराव पास कर भारी वाहतूक का विरोध किया और प्रशासन से वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने की मांग रखी।

इस विवाद ने उमरेड तहसील के ग्रामीण अंचल में यातायात और विकास के मुद्दों को एक बार फिर गरमा दिया है। ग्रामीणों ने आंदोलन का इशारा दिया है, जिससे आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तेज होने की संभावना है।

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