अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बहुप्रतीक्षित बैठक 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली है, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में प्रगति करना है, जहां ट्रंप शांति स्थापित करने के पक्ष में हैं, वहीं पुतिन अपनी शर्तों पर अडिग बताए जा रहे हैं।
ट्रंप ने संकेत दिया है कि यदि पुतिन के साथ पहली बैठक सकारात्मक रही, तो वह तुरंत दूसरी बैठक भी करेंगे, जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी शामिल किया जाएगा। इससे पहले ट्रंप ने पुतिन को चेतावनी दी थी कि यदि रूस शांति वार्ता में बाधा डालता है, तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें आर्थिक प्रतिबंध भी शामिल हो सकते हैं, हालांकि इन प्रतिबंधों का स्वरूप और समयसीमा अभी स्पष्ट नहीं की गई है।
ट्रंप ने कहा कि यदि यह संघर्ष समाप्त होकर निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सके, तो यह एक बड़ी सफलता होगी, और पिछले छह महीनों में उन्होंने पांच युद्धों को रोकने में योगदान दिया है। यह बयान जर्मनी में आयोजित एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक के बाद आया, जिसमें ट्रंप, जेलेंस्की और यूरोपीय नेता शामिल हुए। इस बैठक में लंबित युद्धविराम मुद्दों पर चर्चा हुई और इसे ट्रंप ने बेहद सफल करार दिया। वहीं, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने भी स्पष्ट किया कि यदि अलास्का में रूस निर्णायक कदम नहीं उठाता, तो अमेरिका और यूरोपीय देश मॉस्को पर दबाव बढ़ाने की दिशा में संयुक्त कार्रवाई करेंगे, जिस पर ट्रंप ने सहमति जताई।