देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच अब कोरोना वैक्सीन को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है. कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहे वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले एक दो महीनों में टीका उपलब्ध हो जाएगा. ऐसे में अब इस बात को लेकर भी चर्चा शुरू हो चुकी है कि कोरोना वैक्सीन पहले किसे दी जाएगी. कोरोना वैक्सीन के जल्द ही मिलने की खबर के बाद दिल्ली और मुंबई में इसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार ने दो लाख जबकि महाराष्ट्र सरकार ने 1.25 लाख सरकारी और निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मचारियों की सूची तैयार की है.
दिल्ली सरकार ने जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की प्रथमिकता की सूची में जगह दी है, उनमें मेडिकल, पैरामेडिकल, सुरक्षा और एलोपैथिक, स्वच्छता, दंत चिकित्सा और आयुष सुविधाओं के मंत्रालय के प्रशासनिक कर्मचारी शामिल हैं. इसके साथ डायग्नोस्टिक लैब्स रेडियोलॉजी केंद्रों और फिजियोथेरेपी क्लीनिकों के कर्मचारियों को भी इस सूची में शामिल किया गया है. बता दें दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एलएनजेपी से लगभग 4 हजार नाम भेजे गए हैं. एलएनजेपी की लिस्ट में डॉक्टरों से लेकर सुरक्षा गार्ड तक का नाम शामिल है.
मुंबई में 1.25 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स की सूची तैयार इसी तरह मुंबई में लगभग 1.25 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही बीएमसी (मुंबई नगर निगम) ने टीकाकरण की देखरेख के लिए दस सदस्यीय टास्क फोर्स तैयार की है. इसके साथ ही 3,000 कर्मियों को वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. अभी तक की खबर के मुताबिक शुरुआती चरण में किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) और सायन, नायर और कूपर अस्पतालों को कोरोना वैक्सीन रखने के लिए चुना गया है. इन सभी अस्पतालों को रेफ्रिजरेटर, बर्फ के बॉक्स और विशेष कूलर का आदेश दिया गया है. इन अस्पतालों में 60 लाख कोरोना वैक्सीन को रखने की व्यवस्था करनी है.