नई दिल्ली. पिछले साल चर्चा में आए कथित स्पाइवेयर पेगासस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान तकनीकी समिति की मांग के बाद समय 4 हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है. हालांकि कोर्ट की ओर से तकनीकी समिति को जांच में तेजी लाने को कहा गया है. अंतिम रिपोर्ट 20 जून तक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने की उम्मीद है, जबकि जुलाई में मामले की अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में निगरानी समिति को तकनीकी समिति की सिफारिशों की जांच के लिए कम से कम 15 दिनों की आवश्यकता होगी. अंतिम रिपोर्ट 20 जून तक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने की उम्मीद है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पैनल की मांग के अनुसार समय बढ़ा दिया है. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट की ओर से तकनीकी समिति को जांच में तेजी लाने को भी कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पेगासस स्पाइवेयर को लेकर 29 मोबाइल फोन की जांच कर रही तकनीकी समिति की ओर से कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं. पेगासस स्पाइवेयर की जांच को लेकर कोर्ट ने कहा कि प्रभावित उपकरणों की जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि तकनीकी समिति ने कुछ फोन की जांच की है और दूसरों को अपने सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किए हैं. मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच की खातिर उसके द्वारा नियुक्त तकनीकी एवं पर्यवेक्षी समितियों के लिए रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा बढ़ा दी है. कोर्ट ने कहा कि इजराइली स्पाईवेयर को लेकर 29 प्रभावित मोबाइल फोन की जांच की जा रही है और यह प्रक्रिया चार हफ्ते में पूरी कर ली जानी चाहिए.
मई के अंत तक जांच पूरी होने की उम्मीद
भारत के मुख्य न्यायाधीस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि तकनीकी समिति स्पाइवेयर के लिए प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है और उसने पत्रकारों समेत कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं. बेंच ने कहा कि प्रभावित उपकरणों की जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया जाएगा.