भारत अपने स्टैंड पर कायम

नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 78 दिनों से जारी जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक दिन के विशेष सत्र में एक बार फिर भारत अपने स्टैंड पर कायम दिखा. भारत ने कहा यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति दृढ़ और सुसंगत रही है. भारत ने कहा हम सामने आ रही घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं और रूस और यूक्रेन से जंग खत्म करने और दुश्मनी समाप्त करने का आह्वान करते हैं. भारत ने बताया कि उसने यूक्रेन और उसके पड़ोसियों देशों को मानवीय सहायता पहुंचाई है. भारत लगातार यूक्रेन को दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री भेज रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध का असर पूरे क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है. तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं जबकि खाद्यान्न और उर्वरकों की कमी महसूस की जाने लगी है. भारत ने कहा, हम यूक्रेन में लोगों के मानवाधिकारों के सम्मान और संरक्षण का आह्वान करते हैं और मानवाधिकारों के वैश्विक प्रचार और संरक्षण के लिए अपनी स्थायी प्रतिबद्धता दोहराते हैं. रूस-यूक्रेन में जारी जंग के बीच रूसी गवर्नर ने दावा किया है कि यूक्रेन की ओर से की गई गोलीबारी की वजह से आग लगने के कारण ग्रामीण की मौत हो गई है. वहीं विश्व प्रसिद्ध कंपनी सीमेन्स ने कहा है कि यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण वह रूस के बाजार से हट रही है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के आरोपों पर रूस के निलंबन के बाद मानवाधिकार निकाय में रूस के स्थान पर चेक गणराज्य को शामिल करने के लिए मंगलवार को मतदान किया. चेक गणराज्य 47 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की रिक्त सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था. जिनेवा स्थित परिषद की सीटों को क्षेत्रीय समूहों में विभाजित किया गया है और रूस के स्थान पर पूर्वी यूरोप से किसी देश को शामिल किया जाना था. मंगलवार को गुप्त मतदान में महासभा के 193 सदस्यों में से 180 सदस्यों ने मतपत्र जमा किए. नतीजा यह रहा कि 157 देश चेक गणराज्य के पक्ष में रहे और 23 अनुपस्थित रहे. यूएस ने रूस को परिषद से निलंबित करने का रखा था पक्ष महासभा ने 7 अप्रैल को रूस को मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने के लिए 24 के मुकाबले 93 वोट से मंजूरी दी थी. इस दौरान 58 सदस्य अनुपस्थित रहे. परिषद से रूस को निलंबित करने का प्रस्ताव अमेरिका ने रखा था.

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