देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान संगठनों के बीच अबतक की बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया है।
ऐसे में आज किसान संगठनों के मुखियाओं ने एक दिवसीय अनशन भी किया था जिसका कोई भी असर सरकार पर नही दिखा ऐसे में ठिठुरती सर्दी में अपनी बात मनवाने और तीनों कृषि बिलों को रद्द करवाने के लिए किसान चार दिन से अनशन पर बैठे हुए हैं जब BCN न्यूज़ के संवाददाता ब्रजेश कुमार ने किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि हम लोग अपना धरना शांति पूर्वक कर रहे हैं और एमरजेंसी सेवा के लिए हम हर तरह से प्रशासन के साथ है उसके लिए हम सड़क खोले हुए हैं लेकिन नेशनल हाईवे का रॉड हम ब्लॉक किये हैं और यह तभी खुलेगा जब हमारी मांगे पूरी होगी वही नेशनल मीडिया केंद्र सरकार से मिलकर देश में यह खबर फैला रही हैं कि चिल्ला बॉर्डर से किसान जा चुके है और सरकार को अपना समर्थन दे दिया जिसके लिए हम नेशनल मीडिया का बहिष्कार करते हैं किसानों ने सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक तीनो कृषि बिल वापिस नही होते तब तक हम धरने से नही उठेंगे चाहे कपकपाती सर्दी से हमारी जान ही क्यो न चली जाए हालांकि अभी तक 11 किसानों की मौत इस धरने में हो चुकी हैं अब देखते की किसानों की मांग सरकार मानती हैं या यूं ही किसान अपनी बात मनवाने के लिए धरने पर बैठे रहेंगे और क्या कुछ कहा डॉ तरुण शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन भानु ने देखिये हमारी खाश रिपोर्ट में