नागपुर। (नामेस)।
महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) सिविल इंजीनियरिंग पद की संशोधित परिणाम सूची के बाद भर्ती प्रक्रिया से अयोग्य घोषित एक उम्मीदवार ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन, अब जब कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया है, तो एमपीएससी अक्तूबर के पहले सप्ताह से सिविल इंजीनियरिंग में इंटरव्यू आयोजित करेगा, जो कोर्ट के अधीन होगा.
सिविल इंजीनियरिंग के 1145 पदों के लिए शुरूआत में 3600 उम्मीदवारों का चयन किया गया था. 5 जुलाई के सरकारी संकल्प के अनुसार, इन 1145 सीटों में से, एसईबीसी श्रेणी के लिए 13% सीटों को खुली श्रेणी में परिवर्तित कर दिया गया था. इसके बाद ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में कम अंक वाले कुछ अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया.
उम्मीदवारों में से एक ने संशोधित सूची को चुनौती देते हुए मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उम्मीदवार आरोप लगा रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट के 5 मई के फैसले और 5 जुलाई के फैसले के कारण संशोधित सूचियों में देरी हो रही है. छात्रों के बढ़ते दबाव को देखते हुए आयोग ने सकारात्मक रुख अख्तियार किया है। अदालत से इंटरव्यू आयोजित करने के लिए एमपीएससी सदस्य डॉ. दयावान मेश्राम ने ट्विटर के जरिए अनुरोध किया था. आयोग ने कोर्ट से दो दिन पहले सिविल इंजीनियरिंग परीक्षा के इंटरव्यू का अनुरोध किया था. इसे स्वीकार कर लिया गया है. नतीजतन, एमपीएससी अब अदालत के नियंत्रण में सिविल इंजीनियरिंग में इंटरव्यू आयोजित करेगा. इंटरव्यू अक्तूबर के पहले सप्ताह से दिसंबर तक चलेगा. छात्रों ने इस बात पर भी संतोष जताया है कि दो साल के इंतजार के बाद इंटरव्यू होंगे.