गोदिया।
राज्य सरकार ने शासकीय कामकाज के लिए 5 दिन का सप्ताह घोषित किया है. प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी शासकीय कार्यालयों को अवकाश दिया गया. ऐसा करते समय प्रतिदिन के कामकाज का समय भी 45 मिनट बढ़ा दिया गया. अब नए नियम के अनुसार राज्य के सभी शासकीय कर्मचारी को सुबह 9.45 बजे से शाम 6.15 मिनट तक कार्यालय में उपस्थित रहना है. लेकिन रोजाना के समय को देखते भी अनुभव आ रहा है. कि अनेक शासकीय कर्मचारी को कार्य के समय का ध्यान नहीं है.
विभिन्न शासकीय कार्यालयों की कुर्सियां खाली पड़ी दिखाई दे रही हैं. इससे 5 दिन के सप्ताह का क्या लाभ क्या लाभ हुआ है. ऐसा प्रतीत लोग कर रहे है. केंद्र की तर्ज पर राज्य के भी सभी शासकीय कार्यालय मे 5 दिन का सप्ताह लागू किया जाए ऐसी मांग शासकीय अधिकारी व कर्मचारी द्वारा की गई थी. जिसका संज्ञान लेते हुए महा विकास आघाडी सरकार ने 12 फरवरी 2020 को मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लेते 29 फरवरी 2020 से 5 दिन का सप्ताह लागू किया. इसी निर्णय से शासकीय कामों में सुचारूपन व पारदर्शिकता आएगी साथ ही अधिकारी और कर्मचारी को सप्ताह में 2 दिन आराम मिलने से 5 दिन पूरे जोश और उत्साह के साथ कामा में जुटे रहेंगे. ऐसी अपेक्षा थी लेकिन परिणाम इसके विपरीत दिखाई दे रहे हैं. कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते जिसे नागरिकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है.