सभी तैराकों ने अंबाझरी झील के किनारे से 500 मीटर की दूरी पर 50 फीट गहरे पानी में खंभे के पास पूर्वी तट से तैर कर संतुलित तरीके से ध्वज को सलामी दी.
सुरू बाबू ने ध्वजा का पूजन किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शेखर साठे ने ध्वजारोहण किया।अंबाझरी झील के बीच में एक पोल पर झंडा फहराकर, अनुशासित तरीके से राष्ट्रगान गाकर और झंडे को सलामी देकर देशभक्ति का उद्घोष किया गया.इसमें नेत्रहीन तैराक ईश्वरी पांडे ने भी हिस्सा लिय।
इस कार्यक्रम में युवा से लेकर वरिष्ठ तैराकों ने भाग लिया, सभी तैराकीयो ने देशभक्ति की घोषणाएं ,भारत माता की जय “,” वंदे मातरम “के नारे सेरगूंज उठा था ।
अनोखा ध्वजा को देखने के लिए लोग सरोवर के किनारे जमा हो गए थे। झंडा फहराया गया और प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन संजय बटवे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन श्री चंद्रकांत मगरे ने किया.