क्षेत्र की आशा वर्कर व गटप्रवर्तक इन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिचोली में दो दिवसीय धरना आंदोलन किया। ग्रामीण एंव शहरी भागों में काम करने वाली आशा वर्कर व गटप्रवर्तक इनकी प्रलंबित मांग पुरी करने के लिए आशा वर्कर व गट प्रवर्तक महिलाओं ने बेमूदत कामबंद अनशन जारी कीया।
जब तक ईनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक अनशन जारी रहेगा ऐसी जानकारी प्राप्त हुई । राज्य सरकार एंव शासन प्रशासनने जो आशा वर्कर को 2000 व गट प्रवर्तक को 3000 रुपए बढ़ोत्तरी की वह नियमित स्वरूप में की जाए। उसी प्रकार कोरोना काल में काम करने के प्रति दिन 300 मिलना चाहिए। उसी प्रकार आशा वर्कर इनको 18000 वेतन और गट प्रवर्तक इनको 21000 वेतन मिलने के लिए प्रशासन शासन की ओर मांग की गई ।इस आंदोलन को परिसर के स्थानिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों एवं परिसर के सामाजिक संगठनाओने भी समर्थन दिया है। आशा वर्कर व गट प्रवर्तक इन्होंने धरना आंदोलन दरम्यान “मांगण्या आमच्या हक्काचा, नाही कुणाचा बापाच्या” सस्ती दारु महंगा तेल” जैसे नारे निदर्शन कीए गए। परिसर क्षेत्र के खापरखेड़ा, चिचोली, भानेगांव, बिना संगम,वलनी, सिल्लेवाडा, चनकापुर, वारेगाव, सुरादेवी आदि गांवों की आशा वर्कर व गट प्रवर्तक इन्होंने एकता बनाकर अपनी रास्त मांग के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिचोली के स्वास्थ्य अधिकारियों को ज्ञापन दिए। आशा वर्कर व गटप्रवर्तक भीषण कोरोनाकाल में काम कर रहे लेकिन उनकी पिछले कई दिनों से शासन दरबार में मांग धूल खा रही। जिसमें शासन प्रशासन का उदासीन धोरण दिखाई दे रहा है। इसीलिए अभी जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा ऐसा पवित्रा इन लिया गया। परिसर में करीबन ६० आशा वर्कर व गटप्रवर्तक सम्मीलित होकर दो दिवसीय चिचोली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में धरना दिया। आंदोलन को युनियन के शकुंतला कोसरे , वनिता कुंभरे, शुभांगी बागडे, वैशाली ढोरे, देवेंद्रा गजभिये, वैशाली बावणे, शेवंता मांगुळकर, संगीता नरड, दुर्गा गोणेकर एवं अन्य लोगों की आंदोलन को उपस्थिति थी।
Sunday, November 24, 2024
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