नागपुर में ब्लॅक फंगस के मरीज का 1.5 करोड़ रुपये की लागत से हुआ इलाज, इलाज के बाद मरीज ठीक हो गया लेकिन एक आंख गवानी पडी

नागपुर के एक व्यक्ति को कोरोना होने के कुछ महीने बाद म्यूकर माइकोसिस बिमारी हो गई और उस व्यक्ति और उसके परिवार ने उसके इलाज के लिए 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए। दुर्भाग्य की बात है कि इतना पैसा खर्च करने के बाद भी उस व्यक्ति को अपनी एक आंख हमेशा के लिये गवानी पडी ये हैं नागपुर के नवीन पॉल, पॉल यह जीएसटी विभाग में कार्यरत हैं। कोरोना के बाद उन्हें म्यूकर माइकोसिस बिमारी हो गई, और इस इलाज के लिए उन्हें लगातार छह अलग-अलग अस्पतालों में इलाज कराना पड़ा और इस इलाज के लिए उन्हें 1 करोड़ 48 लाख रुपये खर्च करने पड़े।

ये है नागपुर के नवीन पॉल का परिवार… नवीन पॉल को पिछले कुछ महीनों पहिले कोरोना हो गया था…जिससे वो ठीक भी हो गए लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें आंखों में दिक्कत होने लगी, दांत हिलने लगे जब उन्होंने नागपुर के एक डॉक्टर से इस बारे में पूछताछ की तो उन्हें आगे के इलाज के लिए हैदराबाद जाने की सलाह दी गई.. लेकिन हैदराबाद मे कोई खास इलाज नहीं हुआ तो वे इलाज के लिए मुंबई चले गए, जहां एक महीने तक उनका इलाज चला… ऊस इलाज से भी उन्हे कोई खास फायदा नहीं मिला तो पॉल इलाज के लिए नागपुर वापस लौट आए । यहीं पर उनका इलाज किया गया और डॉक्टर ने उनकी एक आंख निकालने का फैसला किया…परिजन के संमती के बाद पॉल ईनकी एक आंख निकाल दी गई।

इन सभी अस्पतालों में इलाज के लिए पॉल को 1 करोड़ 48 लाख रुपये का बिल देना पड़ा नवीन की पत्नी रेलवे में है इसलिए इन सभी उपचारों के लिए रेल विभाग ने उनकी काफी मदद की और उनका कहना है कि वह बच गए नवीन की पत्नी संगीता ने अपने पति को बचाने के लिए बहुत प्रयास किए … जैसे-जैसे उनके पती के लिये इलाज के लिये लागत बढ़ती जा रही थी, उनके रिश्तेदारों ने भी उनकी बहुत मदद की.. उनकी जान बचाने के लिए हर कोई उसकी मदद के लिए आगे आ रहा था और नागपुर में डॉक्टरों ने भी बहुत प्रयास किया। और बचाई नवीन की जान.. नवीन को एक आंख निकालनी थी लेकिन दूसरी आंख अच्छी है और उस आंख की रोशनी बहुत अच्छी है, इसलिए उसकी पत्नी खुश है.. पॉल का कहना है कि रेलवे ने एवं उनके दोस्त एवं परिवार ने उनकी बहुत मदद की नागपुर और विदर्भ में ब्लॅक फंग्स का संभवत: यह पहला मामला है… लेकिन यह भारी लागत रेल विभाग और अन्य सहयोगियों और रिश्तेदारों की मदद के बिना संभव नहीं होता… लेकिन 1.5 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी परिवार वाले भी थोडे दुखी जरूर हैं कि पॉल को एक आंख गंवानी पड़ी

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