देवलापार क्षेत्र में पिछले कई दिनों से लाॅक डाउन होने की वजह से संपूर्ण बाजार बंद थे कुछ ही दिन पहले अनलॉक के चलते के आदेश राज्य सरकार द्वारा दिए जाने के बाद 2 दिन पूर्व से ही मार्केट सुचारू रूप से चलने लगा तो ऐसा लगा कि जीवन पटरी पर लौट आया है उसी के साथ लोगों को आने वाले मानसून का भी इंतजार था
तो वह भी उम्मीद लोगों की पूरी हो गई है देवलापार क्षेत्र में पिछले दो-तीन से कुछ हिस्सों में वर्षा हुई थी तो कुछ हिस्सों में वर्षा नहीं हुई । पर आज गुरुवार के दिन सुबह से ही हलकी फुलकी बारिश के बूंदों ने मौसम को सुहाना बना दिया और 12:00 बजे के बाद मौसम में अपनी तेज रफ्तार पकड़ी और धीरे-धीरे बारिश ने अपना कहर बरसना शुरू किया जिससे जनता को गर्मी में काफी उमस सहन करनी पड़ी रहीं थी। फिलहाल यह वर्षा होने से क्षेत्र के लोग गर्मी की उमस से राहत महसूस कर रहा है साथ में क्षेत्र का किसान भी खुश हो चुका है इस क्षेत्र के कई किसानों ने अपने खेत खलियान ओं को बोने के उद्देश्य सुव्यवस्थित कर रखा था और बारिश का इंतजार कर रहे थे तो आज मानसून ने इस क्षेत्र में अपनी दस्तक देकर किसानों के चेहरे पर खुशहाली लाई है साथ में बारिश आने से किसान वर्ग के साथ-साथ सभी आम जनता अपने काम में लग चुके है। फिलहाल बरसात होने की वजह से देवलापार क्षेत्र के कृषि दुकानों पर किसानों की भीड़ देखी जा रही है बीज खरीदी के लिए। कई दुकानों पर अनलॉक के चलते दिए गए आदेश की नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है जैसा सोशल डिस्टेंसिंग मास ना पहनना व सैनिटाइजर का वापस ना करना । कई ऐसे किसान है कि लाॅक डाउन होने की वजह से वह अपना बीज भी नहीं डाल पा रहे हैं कई किसानों के पास बीज खरेदी के लिए रुपए भी उपलब्ध नहीं है इन सारी बातों का फायदा क्षेत्र के अवैध रूप से साहुकारी करने वाले उठा रहे हैं इस और भी सरकार ने ध्यान देने की आवश्यकता है कि लाॅक डाउन के चलते सभी लोगों के आर्थिक मंदी की मार झेलन पड़ रही है। किसानों को लगने वाले कर्ज की आवश्यकता के लिए प्रशासन ने अपील की है कि जो सरकारी सावकार है उन्हीं से रसीद लेकर कर्जा ले।
भूख तो भूख होती है सहन थोड़ी होती है
देवलापार – 2 दिन पहले लगभग 3:00 से 4:00 के बीच 1 घंटा लगातार बारिश हुई। उस दिन उस हाईवे पर एक ढाबे पर एक बूढ़ी अम्मा खाना मागने के लिए आई अचानक तेज बरसात शुरु हुई उसे खाना देने के बाद ढाबा मालिक ने कहा कि आप आगे मंदिर हे आप मंदिर में जाइए और आराम से खाना खा लीजिए परंतु अचानक बारिश शुरु होने की वजह से वह आगे नहीं बढ़ पाई और उसे रास्ते में एक ट्रक खड़ा दिखा तो वो ट्रक के नीचे बारिश से बचने के लिए छुप गई । भूख तो भूख होती है सहन थोड़ी होती है क्योंकि वह अम्मा अपने इस मार्ग पर पैदल ही चल कर आई थी शायद खाना ना खाती तो वह आगे भी नहीं बढ़ पाती थी आखिर उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने उस ट्रक के नीचे ही अपना भोजन निकाला और उसे ग्रहण किया कुछ देर पश्चात बारिश कम हुई वापस ढाबा मालिक ने उन्हें अपने ढाबे पर बुलाया उन्हें चाय पिलाई और उनके गंतव्य की ओर उन्हें रवाना कर दिया।