तीसरी फेल सफेलकर 3 शिक्षण संस्थाओं का मुखिया समाजसेवा की आड़ में चला रहा था गैंग,

समाजसेवा की आड़ में बड़ी गैंग चला रहा अपराधी रणजीत सफेलकर खुद तो तीसरी फेल है, लेकिन अपने रुबाब से 3 शिक्षण संस्थाओं का अध्यक्ष बन गया. मर्डर और जमीन पर कब्जा जमाने सहित गंभीर अपराधों को अंजाम देने वाला सफेलकर कुछ वर्षों से समाजसेवा करके अपनी छवी सुधारने का प्रयास कर रहा था. यहां तक की राजनीति में भी उसने अपने पैर जमाने शुरू कर दिए थे.

यही कारण है कि बड़े नेता भी चुनाव में उसकी मदद लेते थे. मनीष श्रीवास हत्याकांड उजागर करने के बाद पुलिस ने सफेलकर और उसकी गैंग पर मोका लगा दिया. सफेलकर के खिलाफ 20 गंभीर मामले दर्ज है. अपनी दबंगाई से सफेलकर ने करोड़ों रुपयों की प्रापर्टी जमाई. यही कारण है कि अब पुलिस उसकी सभी चल अचल संपत्तियों की जांच कर रही है. प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला कि सफेलकर 3 शिक्षण संस्थाओं में अध्यक्ष है इन संस्थाओं द्वारा नागपुर में 7 स्कूलें चलाई जाती है. तीसरी फेल सफेलकर इन शिक्षण संस्थानों का संचालन कर रहा था यह आश्चर्य की बात है.

आदिम जाति-जमाति बहुद्देशीय संस्था द्वारा कामठी के पावनगांव में ज्ञानगंगा माध्यमिक विद्यालय और कनिष्ठ महाविद्यालय, कलमना के भरतवाड़ा रोड पर शांति तुलसी इंग्लिश मीडियम स्कूल भवानी माता उच्च प्राथमिक शाला और संत वियोगी महाराज हिंदी प्राथमिक विद्यालय चलाए जाते हैं. इस संस्था के कार्याध्यक्ष विधायक मोहन मते होने की जानकारी मिली है. इसके अलावा सुखाशा एजुकेशन एंड मल्टीपरपज सोसायटी और पब्लिक एजुकेशन सोसायटी में भी सफेलकर अध्यक्ष है. सुखाशा सोसायटी द्वारा गुरुकुल इंडियन ओलम्पियार्ड स्कूल ऑफ स्कॉलर्स, जबकि पब्लिक एजुकेशन सोसायटी द्वारा कामठी के रमानगर और मदन चौक पर राष्ट्रीय हिंदी मराठा प्राथमिक शाला नामक 2 स्कूलें चलाए जाते हैं.

सफेलकर जैसे अपराधी को शिक्षण संस्थानों में अध्यक्ष बनाना आश्चर्य की बात है. इन 7 स्कूलों में से 3 को सरकारी अनुदान मिलता है.इसके अलावा पुलिस सफेलकर की संपत्ति की भी जांच कर रही है. मनपा, एनआईटी और निबंधक कार्यालय से रणजीत और उससे जुड़े लोगों की संपत्ति की जानकारी मांगी जा रही है. पुलिस का मानना है कि सफेलकर ने अवैध कामों से जितनी भी संपत्ति हासिल की है उन सभी को मोका के तहत कब्जे में लेने का अधिकार है. अपनी छवि सुधारने के लिए सफेलकर ने श्रीराम सेना की स्थापना की और अध्यक्ष बन गया. श्रीराम सेना में उसने शहरभर के कई अपराधियों को भी पदाधिकारी बनाया. कामठी और कलमना की ज्यादातर विवादित जमीनों के मामलों में सफेलकर और उसकी गैंग कूद जाती थी. सेटलमेंट के नाम पर मोटी रकम मांगी जाती थी. इस प्रकार की शिकायतें पुलिस को मिल रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *