नई दिल्ली. रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 107वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि हम इस दिन को कभी नहीं भूल सकते जब भारत को सबसे जघन्य आतंकवादी हमले का सामना करना पड़ा था।
‘मन की बात’ में उन्होंने कहा कि ‘आज 26 नवंबर है। आज ही के दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने मुंबई और पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था, लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूरे हौंसले से आतंक को कुचल रहे हैं। मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘यह भारत का साहस और ताकत है कि हम अब आतंकवादी गतिविधियों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने अपनी इस हमले में जान गंवाई और उन बहादुरों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।’
2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। यह हमला 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, होटल ताज, ट्राइडेंट होटल, नरीमन हाउस सहित मुंबई के कई प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक घेराबंदी की, हमला किया और लोगों की हत्या की।
पीएम मोदी ने कहा, जैसे स्वच्छ भारत अभियान की सफलता ही उसकी प्रेरणा बन रही है वैसे ही ‘वोकल फॉर लोकल’ की सफलता विकसित भारत और समृद्ध भारत के द्वार खोल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ का अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। उन्होंने कहा, यह रोजगार की गारंटी है। यह विकास की गारंटी है, यह देश के संतुलित विकास की गारंटी है। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों को समान अवसर मिलते हैं। इससे स्थानीय उत्पादों में गुणात्मक वृद्धि होती है और कभी वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आता है तो ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र हमारी अर्थव्यवस्था को संरक्षित भी करता है।
पीएम मोदी ने कहा, कि संविधान सभा में 15 महिलाएं थी। इन्हीं में से एक हंसा मेहता ने महिलाओं के अधिकार और न्याय की आवाज बुलंद की थी। उस समय भारत उन कुछ देशों में से था, जिन्होंने महिलाओं को संविधान से वोटिंग का अधिकार दिया। संविधान निमार्ताओं की उसी दूरदृष्टि का पालन करते हुए भारत की संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पास किया है और यह हमारे लोकतंत्र की संकल्प शक्ति का उदाहरण है।
डॉ.आंबेडकर को याद करते हुए उन्होंने कहा, कि 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकार किया था। जब साल 2015 में हम बाबासाहब आंबेडकर की 125वीं जयंती मना रहे थे, उसी समय 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाने का विचार आया था। उसके बाद से हर साल हम इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं।
त्यौहारों में चार लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कहा कि त्यौहारों के इस मौसम में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान लोगों में भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह देखा गया।
उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सिर्फ त्यौहारों तक ही सीमित न रखने की अपील की और उनसे आग्रह किया कि उन्हें शादी के मौसम में भी स्थानीय उत्पादों को महत्व देना चाहिए।
जल संरक्षण की अपील
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण और अमृत सरोवर की भी बात उठाई की। उन्होंने कहा कि भारत में 65 हजार अमृत सरोवर बनाए गए हैं। गुजरात के अमरेली में ‘जल उत्सव’ मनाया जाता है, जिससे यहां के लोगों में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता आई है। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में बेल्जिपुरम यूथ क्लब स्किल डेवलपमेंट पर फोकस कर रहा है।
पेटेंट आवेदन में तेजी
पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल पेमेंट को लेकर अब लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। यह भी बहुत उत्साह बढ़ाने वाला है। आप तय करिए कि एक महीने तक आप यूपीआई से या किसी डिजिटल माध्यम से पेमेंट करेंगे या कैश पेमेंट नहीं करेंगे। भारत में डिजिटल क्रांति की सफलता ने इसे बिल्कुल संभव बना दिया है। 2022 में भारतीयों द्वारा पेटेंट आवेदन में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
प्रोजेक्ट सूरत की तारीफ
प्रधानमंत्री ने कहा सूरत में युवाओं की एक टीम ने प्रोजेक्ट सूरत की शुरुआत करी है, जिसका लक्ष्य सूरत को सफाई और सस्टेनेबल विकास की मिसाल बनाना है। इसके तहत युवा सार्वजनिक जगहों की सफाई करते हैं और आज इन लोगों की संख्या 50 हजार से ज्यादा हो गई है। इन लोगों की टीम ने लाखों किलो कचरा हटाया है। तमिलनाडु के कोयंबटूर के लोगानाथन जी गरीब बच्चों को अपनी कमाई का एक हिस्सा दान देते हैं। वह अब तक 1500 से ज्यादा बच्चों की मदद कर चुके हैं।
Sunday, November 24, 2024
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