मुंबई। पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की परेशानियां बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल, सीबीआई ने एक आरोप पत्र दायर किया है, जिसमें आरोप लगया है कि देशमुख के एक करीबी सहयोगी ने कथित तौर पर रिश्वत के मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों की लोकेशन को ट्रैक करने की कोशिश की।
गौरतलब है, जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि देशमुख के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से निर्देशित जांच को पलटने के लिए 29 अगस्त, 2021 को यह रिपोर्ट मीडिया में लीक की गई थी। मीडिया में लीक हुई सीबीआई की रिपोर्ट में कथित तौर पर उल्लेख किया गया था कि अनिल देशमुख द्वारा कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया गया है। एजेंसी ने अपने उप-निरीक्षक अभिषेक तिवारी और देशमुख के वकील डागा को लीक के संबंध में गिरफ्तार किया था और उन पर 2021 में आरोप लगाए गए थे।
इस साल अगस्त में दायर अपने पूरक आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि डागा ने अनिल देशमुख के खिलाफ रिश्वत मामले की जांच कर रहे सीबीआई के जांच अधिकारी और पर्यवेक्षी अधिकारियों के मोबाइल नंबर सात जून, 2021 को उनके दूर के रिश्तेदार विक्रांत देशमुख के साथ साझा किए थे।
2021 में सौंपा था काम
सीबीआई के अनुसार, विक्रांत देशमुख ने एक शिक्षा ट्रस्ट की आड़ में पूर्व मंत्री के वित्तीय खातों का प्रबंधन किया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि विक्रांत देशमुख दस्तावेजों को लीक करने की साजिश का हिस्सा थे। एजेंसी ने कहा कि आठ जून, 2021 में डागा ने विक्रांत देशमुख को सीबीआई अधिकारियों के ठिकाने खोजने का काम सौंपा और वह ऐसा करने के लिए राजी हो गए।
विक्रांत देशमुख के वकीलों ने आरोपों को किया खारिज
पूरक आरोपपत्र में बताया गया है कि विक्रांत देशमुख डागा के साथ मिलकर अवैध रूप से गोपनीय दस्तावेज हासिल करके सीबीआई जांच को प्रभावित करना चाहते थे। इसके साथ-साथ जांच और निगरानी अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने की कोशिश करने की साजिश का भी हिस्सा थे। विक्रांत देशमुख के वकीलों ने विशेष अदालत को बताया कि आरोपपत्र में बताए गए कथित अपराध से उनका कोई संबंध नहीं है। उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।
संज्ञेय अपराध बनता है
लीक हुई रिपोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ छह अप्रैल, 2021 को सीबीआई द्वारा दर्ज प्रारंभिक जांच (पीई) से संबंधित है। अदालत का आदेश मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद आया है। प्रारंभिक जांच निष्कर्षों में, जांच डीएसपी ने कहा कि इस मामले में एक संज्ञेय अपराध बनता है, जिसमें अनिल देशमुख और अन्य ने अपने पदों पर रहते हुए अनुचित लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया है।
Sunday, November 24, 2024
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