नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्तूबर को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। वहीं, अब इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। इस याचिका में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अगुआई वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ के फैसले को चुनौती दी गई है। इस याचिका में 17 अक्तूबर के उस फैसले की समीक्षा का अनुरोध किया गया है, जिसमें समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया गया था। उदित सूद नाम के एक व्यक्ति ने यह पुनर्विचार याचिका दायर की है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने 17 अक्तूबर को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस बारे में कानून बनाने का काम संसद और राज्य विधानसभाओं का है।
संविधान पीठ ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने का अनुरोध करने संबंधी 21 याचिकाओं पर सुनवाई की थी। हालांकि, इस दौरान चीफ जस्टिस ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि समलैंगिक समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया जाए।
3-2 से आया था कोर्ट का फैसला
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने 3-2 से फैसला सुनाया। 17 अक्तूबर को सुनवाई के दौरान सीजेआई और जस्टिस संजय किशन कौल एक तरफ थे, जबकि जस्टिस भट, जस्टिस कोहली और जस्टिस नरसिम्हा दूसरी तरफ थे।
Sunday, November 24, 2024
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