अंग्रेजों के बनाए ‘कानून’ में होगा बदलाव!

नई दिल्‍ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को हैदराबाद में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) प्रोबेशनर्स के 75वें बैच की पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही अंग्रेजों द्वारा बनाए गए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बदलने जा रही है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन नए विधेयक जल्द ही संसद द्वारा पारित किए जाएंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने इसके लिए कदम भी बढ़ा दिए है मानसून सत्र के आखिरी दिन सरकार ने यह बिल लोकसभा में पेश भी कर दिया था, जिसके बाद इसे स्क्रूटनी कमेटी के पास भेज दिया गया। हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में शुक्रवार को आईपीएस कैडेटों की पासिंग आउट परेड में केंद्रीय गृहमंत्री शामिल हुए।
इस दौरान शाह ने कहा कि भारत ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए कानूनों को खत्म कर रहा है और नए आत्मविश्वास और नई आशाओं के साथ एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश महिला नेतृत्व वाले विकास में आगे बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि ये तीन विधेयक संसद के मानसून सत्र में पेश किए गए थे। गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों को व्यापक परामर्श और चर्चा के लिए स्थायी समिति के पास भेजने का आग्रह किया था। समिति को अगस्त महीने में तीनों विधेयकों का अध्ययन करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।
परेड को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 75 साल में यहां से निकले हुए आईपीएस अधिकारियों ने देश की सुरक्षा और आंतरिक सलामती को मजबूत करने के लिए एक यशस्वी इतिहास का निर्माण किया है। आप लोगों की ये जिम्मेदारी है कि इस इतिहास को आगे लेकर जाएं। इस बैच के 175 प्रशिक्षु अधिकारियों में 34 महिला अधिकारी भी इसका हिस्सा बनी हैं जो अब तक का सबसे बड़ा महिला भागीदारी का उदाहरण है।
पहचान छिपाकर शादी की तो होगी सजा: केंद्र
यदि कोई शख्स शादी करने के लिए पहचान छिपाता है या फिर संबंध बनाने के लिए ऐसा करता है तो उसे रेप नहीं माना जाएगा, लेकिन छल माना जाएगा। ऐसे मामलों में 10 साल तक की कैद की सजा का नियम बनाने केंद्र की मोदी सरकार की तैयारी है। का
नूनी मामलों के संसदीय पैनल ने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार किया है।
कानून बदलने वाले विधेयकों का ड्राफ्ट मंजूर नहीं
भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले तीन विधेयकों पर विचार कर रही संसदीय समिति ने शुक्रवार को ड्राफ्ट रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया। कुछ विपक्षी सदस्यों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए समिति ने ड्राफ्ट पर और अध्ययन के लिए समय मांगा है। अब ड्राफ्ट पर विचार के लिए अगली बैठक 6 नवंबर को होगी।
इन कानूनों में किया जा रहा बदलाव
पहला सन 1860 में बने ‘इंडियन पीनल कोड’ की जगह अब भारतीय न्‍याय संहिता-2023, दूसरा सन 1898 में ‘सीआरपीसी’ की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और सन 1872 में बने ‘इंडियन एविडेंस कोड की जगह अब भारतीय साक्ष्य संहिता-2023 कानून होगा।
3 विधेयकों से क्या बदलाव होगा?
कई धाराएं और प्रावधान अब बदल जाएंगे। आईपीसी में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी। इसी तरह सीआरपीसी में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *