मणिपुर में सुरक्षाबल और छात्रों में झड़प

इंफाल. मणिपुर के इंफाल शहर में मंगलवार, 26 सितंबर को सुरक्षाबलों और छात्रों के बीच झड़प हो गई। इसमें 1 शिक्षिका सहित 54 छात्र घायल हो गए। स्टूडेंट्स जुलाई से लापता दो स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राज्य में 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से बैन हटने के बाद दो स्टूडेंट्स के शवों की फोटो सामने आई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में दोनों की बॉडी जमीन पर पड़ी हुई नजर आ रही है। साथ ही लड़के का सिर कटा हुआ है।हालांकि दोनों के शव अभी तक नहीं मिले हैं। जुलाई में दोनों स्टूडेंट्स एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दिए थे, लेकिन उसके बाद से उनका पता नहीं चल सका है। वहीं, राज्य सरकार ने सभी सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों को 27 सितंबर और 29 सितंबर को बंद रखने का आदेश जारी किया है।
मुख्यमंत्री ऑफिस के सूत्रों ने बताया- सरकार ने कहा है कि जो भी दोषी हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सुरक्षा बलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है। लोगों से अपील की गई है कि मामले में संयम बरतें और जांच एजेंसियों को अपना काम करने दें।बता दे कि 4 मई को ही दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना थोउबाल जिले में हुई थी। इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले गए और उनसे अश्लील हरकतें कीं। इस घटना को लेकर भी मणिपुर में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ था। फोटो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने बताया कि जैसे ही यह मामला हमारे संज्ञान में आया हमने तुरंत इसे सीबीआई को सौंप दिया। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। अपराधियों को पकड़ने के लिए बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दी गयी है। साथ ही बिरेन सरकार ने राज्य की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, मणिपुर में बच्चे जातीय हिंसा के सबसे कमजोर शिकार हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी रक्षा के लिए हर संभव कोशिश करें। मणिपुर में हो रहे अपराध शब्दों से परे हैं, फिर भी राज्य में अपराधों को बिना किसी रोक-टोक के जारी रहने दिया जा रहा है। केंद्र को अपनी निष्क्रियता पर शर्म आनी चाहिए।

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