कोरोना प्रभाव को देखते हुए शहर में वीकेंड लॉकडाउन 28 फरवरी से किया गया।पिछले सप्ताह वाड़ी शहर पूरी तरह बन्द रहा।लेकिन 7 मार्च को किराणा दुकान बंद रही वही मटन की दुकान शुरू रही। 2 दिन सख्त कर्फ्यू के साथ पूरी तरह बंद रखा जाएगा यह जिलाधिकारी के आदेश को नजर अंदाज किया गया।
31 मार्च तक वीकेंड लॉकडाउन की घोषणा की जो संक्रमण रोकने के लिए मदत होंगी वही लोगो का भी सहयोग मिल रहा है। शहर में जिस तरह से संक्रमण फैल रहा है, उसे रोकने के लिए सख्ती भी जरूरी है। व्यवसाय व अन्य कामकाज के महत्व को देखते हुए सप्ताह में दो दिन लॉकडाउन का निर्णय लिया गया।लॉकडाउन के दौरान केवल जरूरी सेवाओं को ही अनुमति होना चाहिए जैसे कि मेडिकल सेवा जरूरी सेवाओं को छोड़कर सारी सेवाओं को दो दिन तक बंद रखना जरूरी है लेकिन ऐसा होते नही दिख रहा है।नागरिको की माने तो दो दिन बन्द रखने से क्या कोरोना संक्रमण कम होगा।बन्द रखना है तो पूरी तरह बन्द रखे नही तो शुरू रखने की बात नागरिक कह रहे है।
वाड़ी शहर का जायजा लिया तो कंट्रोल वाड़ी,दत्तवाड़ी, खड़गाव रोड, काटोल रोड़, की दुकानो के साथ ट्रांस्पोट क्षेत्र पूरी तरह बन्द रहा।जीवनावश्यक वस्तुएं में किराणा दुकान भी बन्द दिखाई दी।अमरावती राजमार्ग पर बसे मटन की दुकानें खुलेआम शुरू रही।मटन किबदुकानों पर कोई नियमो का पालन करते दिखाई नही दिया।बन्द के दौरान शुरू इस दुकानों पर किसी पुलिस या नप अधिकारी की भी रोकटोक नही रही।क्या इस भीड़ से संक्रमण बढ़ने का खतरा नही है? यह सवाल भी बाकी बन्द रखने वाले व्यवसाई ने कही।महीने में 8 दिन शहर बन्द रहने से करोड़ो रुपए का नुकसान हो रहा है।शहर को बन्द करने के बजाए वाड़ी में कोविड़ 19 के मरीजों के उपचार के लिए सरकारी अस्पताल बनाने की मांग भी नागरिको ने की।