यशोधरानगर थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश एच.सी. शेंडे की कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 7 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. पुलिस ने 28 जुलाई 2017 को 25 वर्षीय पीड़िता की शिकायत पर यशोधरानगर निवासी श्रीराम रामजीवन शर्मा (60) के खिलाफ दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया था. पीड़िता के अनुसार परिसर में ही रहने वाला शर्मा ने नवंबर 2016 से 1 जुलाई 2017 के बीच उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. माता-पिता को जान से मारने की धमकी देकर वह पीड़िता डराता था. बदनामी करने की धमकी देकर इस घिनोनी हरकत को अंजाम दे रहा था. इस बीच पीड़िता को पेट में तकलीफ होने लगी. वह डाक्टर के पास जांच करवाने गई तो 6 महीने की गर्भवती होने का पता चला. उसने प्रकरण की शिकायत पुलिस से की. मामला थाने पहूंचने की खबर मिलते ही शर्मा फरार हो गया. 9 नवंबर 2019 को पुलिस ने उसे गिरप्तार किया था. तत्कालीन सब इंस्पेक्टर मधुकर काठोके ने प्रकरण की जांच कर न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया. सरकारी वकील दीपिका गवली आरोप सिध्द करने में कामयाब हुई. न्यायालय ने शर्मा को दोषी करार देते हुए सश्रम कारावास की सजा सुनाई. बतौर पैरवी अधिकारी हेड कांस्टेबल विनोद महल्ले, दिग्विजय और नम्रता मेश्राम ने कोर्ट में इस मामले में सहयोग किया.