सीपी का फर्जी एफबी अकाउंट बनाकर की गई थी धोखाधड़ी

शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के नाम का फर्जी फेसबुक (एफबी) अकाउंट बनाकर सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी से 24,000 रुपये की धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों को राजस्थान के अलवर से गिरफ्तार कर लिया गया. मामले का चौथा आरोपी फरार बताया जा रहा है.गिरफ्तार आरोपियों में जिला अलवार के कुशाल बास गांव निवासी सुरेन्द्र प्रीतम सिंह (28), नागालिया निवासी तौफिक खान फतेह नसीब खान (25) और ककराली मेव निवासी संपतराम श्रीबंसीलाल प्रजापत (33) शामिल हैं. साइबर धोखाधड़ी के लिए उपयोग किया गया बैंक खाता पहले ही सीज किया जा चुका है, जिसमें 1,23,012 रुपये जमा है. अपराधियों ने खुद को बताया था सीपी का दोस्त पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरीपेठ निवासी विनोद महादेवराव कडू पुलिस आयुक्तालय से प्रमुख लिपिक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्हें फेसबुक पर सीपी अमितेश कुमार के फर्जी अकाउंट से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. कडू के रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के बाद उन्हें मैसेज आए, जिसमें किसी संतोष कुमार ने स्वयं को सीपी अमितेश कुमार का दोस्त बताया. संतोष ने बताया कि वह सीआरपीएफ अधिकारी है और ट्रांसफर होने से उसे अपना घरेलू सामान, जिसमें वाशिंग मशीन, एसी, फ्रिज समेत घर का अन्य सामान है, जल्द से जल्द बेचना है. सीपी अमितेश कुमार का नाम उपयोग किये जाने के कारण झांसे में आये कडू ने बिना जांच-पड़ताल किये आरोपी द्वारा बताए गए बैंक खाते में 24000 रुपये भेजकर सामान खरीद लिया. आरोपी ने उन्हें बिल भी भेजा, जिस पर भारतीय राजमुद्रा और सीआरपीएफ का लोगो लगा था. इस बीच आरोपियों ने अधिक रकम हासिल करने के लिए कडू को उनका खरीदा सामान लोडिंग करते हुए फोटो भी भेज दिये. फिर आरोपी अधिक रकम मांगने लगे. संदेह होने पर कडू ने स्वयं सीपी अमितेश कुमार से फोन पर बात की, तब इस धोखाधड़ी की बात का पता चला। सीपी अमितेश कुमार के नाम का उपयोग कर आर्थिक धोखाधड़ी किए जाने की खबर ने हड़कम्प मचा दिया. इस मामले की शिकायत साइबर पुलिस से की गई। आनन-फानन में जिस बैंक खाते में कडू के आनलाइन रकम जमा कराई थी, उसे सीज कर दिया गया. सुरेन्द्र-तौफिक मात्र हैं मोहरे, सूत्राधार हुआ फरार प्राप्त जानकारी के अनुसार, संपतराम और उसका फरार साथी पूरी धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी हैं. सुरेन्द्र 10वीं तक पढ़ा है और ट्रैक्टर चलाता है, जबकि तौफिक 12वीं तक पढ़ा है और बिल्डिंग मेटिरियल का का काम करता है. वहीं, संपतराम इलेक्ट्रिशियन है. संपतराम और उसके फरार दोस्त ने ही सीपी के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया था और सारी धोखाधड़ी की.संपतराम ने अपने खाते में रकम जमा होने के बाद सुरेन्द्र और तौफिक को लालच देकद एटीएम से पैसे निकालकर लाने का कहा. मोबाइल ट्रेसिंग, सीडीआर और सर्विलांस की मदद से शहर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से 4 मोबाइल, धोखाधड़ी के लिए उपयोग किए बैंक खाते का बेअरर चेक आदि जब्त किए गए हैं.तीसरी बार बनाया गया फर्जी एफबी अकाउंट उल्लेखनीय है कि यह तीसरी बार है जब शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के नाम का फर्जी एफबी अकाउंट बनाया गया है. इससे पहले वर्ष 2021 और जुलाई 2023 में भी ऐसा अपराध सामने आया था. हालांकि दोनों बार किसी प्रकार लेनदेन नहीं हो सका था. लेकिन तीसरी बार कडू इस धोखाधड़ी का शिकार हो गए. पकड़े गए तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 7 दिन की पुलिस कस्टडी डिमांड में भेज दिया गया है।

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