राज्य के मुंबई में 31 अगस्त-1 सितंबर को विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक होनी है. इस बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार को सफाई देनी पड़ सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि शरद पवार ने बीते कुछ दिनों में ऐसी बातें कह चुके हैं जिनसे विपक्षी गठबंधन में कन्फ्यूजन पैदा हुआ है, यही वजह है कि शरद पवार को अब इस बैठक में सफाई देनी होगी.
सूत्रों के मुताबिक, महा विकास अघाड़ी की शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और कांग्रेस का राज्य संगठन शरद पवार के बयानों से खफा है. इन्हीं की ओर से ये मांग रखी गई है कि 1 सितंबर को जो इंडिया गठबंधन की औपचारिक बैठक होनी है, उससे पहले सभी मसलों पर चर्चा होनी चाहिए.
विपक्षी दलों के सामने अपना पक्ष साफ करें पवार
कांग्रेस और शिवसेना (उद्भव गुट) का कहना है कि हमें शरद पवार पर भरोसा है लेकिन अभी भी जनता और कार्यकर्ताओं के मन में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. इसलिए इंडिया गठबंधन की औपचारिक बैठक शुरू होने के पहले शरद पवार सभी साथी दलों के सामने अपना पक्ष रखकर स्थिति साफ करें. 31 अगस्त की शाम होने वाली इनफॉर्मल मीटिंग में शरद पवार को कांग्रेस, सपा और टीएमसी जैसी कुछ पार्टियों के सामने अपनी सफाई देनी पड़ सकती है. शरद पवार विपक्षी नेताओं के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं.
चाचा-भतीजे की जुगलबंदी से पैदा हो रहा कन्फ्यूजन
बता दें कि जब से चाचा और भतीजे में बगावत हुई है तब से दोनों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कभी कहा जा रहा है कि दोनों साथ हैं तो कभी कुछ कहा जा रहा. अजित के बागी होने के बाद भी शरद पवार ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी टूटी नहीं है. वे सभी एनसीपी के नेता हैं. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी अजित पवार को अपनी पार्टी का ही नेता बता चुकी हैं. जबकि अजित पवार एमवीए गठबंधन से अलग होकर बीजेपी के पाले में चले गए हैं और उनके साथ महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं.
कुल मिलाकर ये माना जा रहा है कि एक तरफ शरद पवार और अजित पवार के बीच जुगलबंदी चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है. इसलिए इंडिया गठबंधन के नेता शरद पवार के साफ साफ जानना चाहते हैं कि इस मामले पर उनकी तरफ से कंफ्यूजन दूर किया जाए.
Sunday, November 24, 2024
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