प्याज निर्यात पर 31 दिसंबर तक 40 फीसदी शुल्क लगाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को महाराष्ट्र के तीन जिलों में प्रदर्शन हो रहे हैं. नासिक के सताना, मालेगांव और लासलगांव में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. पुणे के मंचर में थोक बाजारों में किसानों ने प्रदर्शन किया. अहमदनगर जिले की राहुरी तहसील में प्याज किसानों ने थोक बाजार में प्याज की चल रही नीलामी रोक दी. नासिक के दिंडोरी में भी किसानों ने रास्ता रोको आंदोलन किया.
किसान सभा ने कहा है कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरे महाराष्ट्र के थोक बाजारों में विरोध प्रदर्शन होंगे. इससे पहले दिन में, प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के केंद्र के फैसले के विरोध में महाराष्ट्र के नासिक जिले में सभी कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) में अनिश्चित काल के लिए प्याज की थोक बिक्री रोक दी गई।
नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर धरना दिया
नासिक जिले में कई जगहों पर किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि इससे रसोई के मुख्य उत्पादों के लिए अच्छी कीमतें मिलने की संभावना कम हो जाएगी। विरोध-प्रदर्शन के दौरान नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर धरना दिया गया, इस दौरान किसानों ने प्याज से बनी मालाएं पहनीं और केंद्र के फैसले के खिलाफ नारे लगाए।
मनमाड़-येओला राजमार्ग पर शेतकरी संगठन ने रास्ता-रोका
दिवंगत शरद जोशी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी मनमाड-येओला राजमार्ग पर येओला एपीएमसी के सामने रास्ता-रोको (यातायात रोक) का आयोजन किया और निर्यात शुल्क निर्णय को वापस लेने की मांग की। अधिकारियों ने कहा कि लगभग 30 मिनट तक चले विरोध-प्रदर्शन के कारण मुख्य सड़क पर वाहनों की कतारें लग गईं। प्रदर्शनकारी किसानों में से एक ने कहा, पहले से ही सूखे जैसी स्थिति है। अब, जब हमें अपने प्याज के लिए अच्छी कीमतें मिलनी शुरू हो रही हैं, तो केंद्र ने इस तरह का निर्णय लिया है। यह प्याज किसानों पर अन्याय है।
पूरे महाराष्ट्र में किसान सड़कों पर आएं : किसान सभा
किसान सभा नेता डॉक्टर अजीत नवले कहते हैं, ‘किसान सभा की ओर से हम किसानों के आंदोलन की सराहना करते हैं. केवल नासिक नहीं पूरे महाराष्ट्र में किसान रास्तों पर आएं. बाजार मंडियां बंद करें. केंद्र सरकार जिस तरह से लगातार किसान विरोधी निर्णय ले रही है, उसका विरोध करें. हम किसान सभा की ओर से ये अपील करते हैं.’
क्या कहते हैं राज्य के कृषि मंत्री?
किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि वो इस सिलसिले में मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से बात करेंगे. धनंजय मुंडे ने कहा, ‘मैं राज्य का कृषि मंत्री होने के नाते मानता हूं कि प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क हमारे किसानों के साथ अन्याय है.’
सियासत भी तेज हुई
वहीं, इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है. महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा-शिवसेना सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों की समर्थक है. प्याज की कीमतों पर काबू रखने की सरकार की कोशिश के बीच किसानों के आंदोलन ने विपक्ष को मौका दे दिया दिया है.
किसानों का नुकसान होना स्वाभाविक : भुजबल
इस बीच छगन भुजबल ने भी कहा कि इस फैसले से किसानों का नुकसान होना स्वाभाविक है. प्याज की कीमतें गिर सकती हैं. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए दादा भुसे का कहना है कि जहां तक उनकी जानकारी है, आज बाजार बंद है. इसलिए इस समय यह बात करना उचित नहीं है कि दरें गिरीं या नहीं. लेकिन सरकार इस बात का ध्यान रखेगी कि प्याज की कीमत न गिरे.