महाराष्ट्र की उपराजधानी और भाजपा के गढ़ माने जाने वाले नागपुर में महाविकास आघाडी की दूसरी वज्रमूठ सभा संपन्न हुई. पहली सभा संभाजीनगर में हुई थी. मंच पर शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इस मौके पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर जोरदार हमला किया.
उन्होंने कहा, यह वही भूमि है जहां बाबासाहब आंबेडकर ने इंसान को इंसान के रूप में जीने की सीख दी थी. बाबासाहब ने देश को संविधान दिया. यह कोई सजावट की चीज नहीं है. आज भारत माता के पैरों में फिर से बेड़ियां डालने का काम किया जा रहा है. एक व्यक्ति ने देश को संविधान दिया, मगर आज भी बड़े पैमाने पर जनता संविधान नहीं पढ़ पाती. मैं यह नहीं कहूंगा कि संविधान को बचाया जाए, बल्कि मैं तो कहूंगा कि संविधान की सुरक्षा मैं ही करूंगा.
ठाकरे बोले, आज ही अप्पासाहब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देकर उनका सम्मान किया गया, यह खुशी की बात है. मगर किस व्यक्ति के हाथों यह पुरस्कार दिया गया? सच्चे समाजसेवक के समक्ष झुकना पड़ता है. धर्माधिकारी का परिवार व्यसन-मुक्ति का काम करता है. शराब की लत जहां घर को बरबाद कर देती है, वहीं सत्ता का नशा देश को बरबाद कर देता है. यहां पर इतने लोग जमा हुए हैं, मगर हमारे देश में आज लोकतंत्र का उपयोग केवल सत्ता में बैठे लोगों के मित्रों के ग्राहक और सत्ताधारियों के मतदाता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. दुनिया के अमीरों में सबसे आगे, उनके मित्रों की संख्या बढ़ती जा रही है, मगर गरीब जनता और नीचे खिसकते जा रही है.
उद्धव ठाकरे ने कहा, आज की सभा कुछ मायनों में अलग है. पहले युती थी, मगर हमें फंसाया गया. उसके बाद हम महाविकास आघाडी के रूप में एकजुट हुए. हमारी सरकार ने काम किया, फिर हम जनता के सामने आए. हमारी सरकार को गद्दारी कर गिरा दिया गया. यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है. हम वार सहेंगे, मगर छाती पर झेलेंगे, और वार करेंगे तो भी छाती पर ही. यह तो बेमौसम की सरकार है.
शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री यदि सच्चे रामभक्त होते तो पहले सूरत और गुवाहाटी नहीं, बल्कि अयोध्या गए होते. वर्तमान उपमुख्यमंत्री अयोध्या नहीं गए थे, मगर वे गए तो ये भी चले गए. यह कहते हुए कि आपका शर्ट मेरी तुलना में ज्यादा भगवा कैसे होगा?
ठाकरे ने कहा, महाराष्ट्र में रामराज्य कब आएगा? किसान बेचारा चिल्ला रहा है. आक्रोश भी व्यक्त कर रहा है. सरकार पंचनामा करने के लिए भी नहीं जा रही. फिर मुख्यमंत्री जाते हैं और आदेश देते हैं कि, तत्काल पंचनामा करो. जब हमारी सरकार थी तब किसानों के हाथों में समय पर मदद पहुंच रही थी कि नहीं?
अब किसान कह रहे हैं कि पंचनामा क्यों करते हो, हमारे अंतिम संस्कार में ही आ जाओ. ये लोग निर्लज्ज हैं, अंतिम संस्कार में भी चले जाएंगे.
शिवसेना नेता ने कहा, यह बात जनता के सामने जाकर क्यों नहीं बताते कि प्रधानमंत्री मोदी ने आठ सालों में क्या किया? जिस तरीके से शिवसेना का नाम चोरी किया, मेरे पिता को चुरा लिया, मगर आप जनता को कैसे संभालेंगे? ठाकरे ने कहा, कहते हैं कि मैंने कांग्रेस के साथ जाकर हिंदुत्व को छोड़ दिया है. फिर मुझे संघ से पूछना है कि आपके यहां क्या चल रहा है? हमारा हिंदुत्व चुटिया और जनेऊ वाला नहीं है. उनका हिंदुत्व गोमुत्रधारी हिंदुत्व है. वे शिवसेनाप्रमुख के हिंदुत्व को भी खारिज करते हैं. मोहन भागवत मस्जिद में जाकर आ गए. एक तरफ हनुमान चालीसा का पठन किया जाए और दूसरी ओर मस्जिद में जाकर कव्वाली सुनी जाए. ऐसा है इनका हिंदुत्व.
भाजप घबराती क्यों है : नाना पटोले
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने इस अवसर पर कहा कि राज्य की ईडी की सरकार ने कोशिश की कि यह सभा न होने पाए. संभाजीनगर में भी कोशिश की गई थी कि सभा न होने पाए, मगर संभाजीनगर में सभा हुई. नागपुर में भी सभा न होने पाए, इसके लिए जमीन का विवाद पैदा किया गया. विवाद कोर्ट तक पहुंचा. आखिर भाजपा घबराती क्यों है? चोर की दाढ़ी में तिनका.
पटोले ने कहा, नागपुर वासियों को लूटा जा रहा है. यह शहर सबसे महंगा हो गया है. शहर की हालत भयावह हो गई है. विकास के नाम पर नागपुर के नागरिकों को लूटने का काम चल रहा है.
दस महीने में आपने क्या किया? : जयंत पाटिल
राकांपा नेता जयंत पाटिल ने कहा, नागपुर क्रांतिकारियों की भूमि है. नागपुर जैसा आदर-सत्कार कहीं नहीं मिलता. हम जब नागपुर में एक साथ आते हैं, तब जो तय होता है वही होता है. इंदिरा गांधी को देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचाने के लिए इसी विदर्भ ने साथ दिया था. विदर्भ का निर्णय देश का निर्णय बन जाता है. हमारी ‘वज्रमूठ’ विदर्भवासियों की है, किसानों की है. ये राज्य सरकार से पूछती है कि आपने क्या किया? इस सरकार ने महाराष्ट्र की जनता को क्या दिया? कौनसा नया प्रकल्प विदर्भ में लाया?
क्या देश में लोकतंत्र जीवित रहेगा : पृथ्वीराज चव्हाण
आज सवाल तो यह है कि क्या इस देश में लोकतंत्र जीवित रहेगा? संविधान आज खतरे में आ गया है. हमें इस खतरे से निपटना है तो मविआ की ‘वज्रमूठ’ को साथ दिया जाना चाहिए. यदि आप सब पूरी शक्ति के साथ खड़े रहे तो कुछ भी मुश्किल नहीं है.
अब कोई माई का लाल अनिल देशमुख को रोक नहीं सकता : अनिल देशमुख
सभा में बोलते हुए राकांपा नेता अनिल देशमुख ने कहा कि मुझे झूठे आरोपों में फंसाया गया. मुझ पर सौ करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया. मैंने कहा कि जांच कर लो, दूध का दूध-पानी का पानी हो जाने दो. एक साल तक जांच चली. हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया उसमें कहा गया कि अनिल देशमुख पर जो आरोप लगाए गए थे वे सुनी-सुनाई बातों के आधार पर थे. उसका कोई सबूत नहीं है. मैं 14 महीने आर्थर रोड जेल में रहा. अनिल देशमुख 14 महीने जेल का भत्ता खाकर आया है, अब कोई माई का लाल अनिल देशमुख को रोक नहीं सकता. उन्होंने कहा, किसानों को अभी तक नुकसान भरपाई नहीं मिली है. कपास का आयात करने के कारण महाराष्ट्र में भाव गिर रहे हैं. राज्य के बड़े-बड़े उद्योग बाहर चले गए हैं.
50 खोके एकदम ओक्के, यही महाराष्ट्र का दुर्भाग्य : सुनील केदार
सुनील केदार ने कहा कि जिस छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस देश को यह संस्कार दिया था कि ‘जान जाए पर वचन न जाए’, मगर राजनीति के चेहरे पर कालिमा पोंछने वाली कृति महाराष्ट्र की राजनीति में दस माह पहले हुई है. ‘50 खोके एकदम ओक्के’ ही महाराष्ट्र का दुर्भाग्य है. यह कलंक है. इस कलंक को हमें हमेशा के लिए पोंछ देना है.
सभा में भारी संख्या में तीनों दलों कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के कार्यकर्ता मौजूद थे.