एमएससी बैंक घोटाले में पूर्व उपमुख्यमंत्री व एनसीपी नेता अजीत पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा को बड़ी राहत मिली है. ईडी की चार्जशीट में इन दोनों के नाम नहीं हैं. ईडी ने विशेष कोर्ट में मामले की चार्जशीट दाखिल कर दी है. ईडी के अधिकारियों की माने तो इस मामले में अजीत पवार और उनकी पत्नी के खिलाफ कोई तथ्यात्मक प्रमाण नहीं मिला है. इसकी वजह से चार्जशीट में उनका नाम नहीं भेजा गया है. इसे फिलहाल अजीत पवार और उनकी पत्नी के लिए बड़ी राहत बताई जा रही है. हालांकि इस चार्जशीट पर हाईकोर्ट में सुनवाई होनी बाकी है. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी. इसके बाद ही तय हो सकेगा कि इस मामले में चार्जशीट को स्वीकार कर कोर्ट अजीत पवार को राहत जारी रखेगी या फिर दाखिल चार्जशीट को कुछ दिशा निर्देशों के साथ वापस करेगी.
ऐसे में ईडी के अधिकारियों ने फिलहाल इस चार्जशीट पर आधिकारिक टिप्पणी से इंकार किया है. बता दें कि इस मामले में ईडी ने आज तक कभी भी अजीत पवार को पूछताछ के लिए समन नहीं जारी किया है. साल 2021 में यह मामला सामने आने के बाद ईडी ने सामूहिक रूप से 65 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया था. इसी के साथ ईडी ने जरांदेश्वर सहकारी चीनी मिल की जमीन, बिल्डिंग और मशीनरी सहित अन्य संपत्तियों को कुर्क किया था. इसके बाद ईडी ने एक प्रेस नोट भी जारी किया था. इसमें दावा किया था कि यह संपत्ति वर्तमान में गुरु कमोडिटी सर्विसेज के नाम पर है. लेकिन इसे जरांदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दिया गया है. बताया जा रहा है कि जिस समय इस घपले को अंजाम दिया गया, उस समय अजीत पवार खुद इस बैंक के निदेशकों में से एक की कुर्सी पर बैठे थे.
Sunday, November 24, 2024
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