केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की राज्य के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष और वर्तमान शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील से नाराज होने की खबर सामने आई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि शाह ने यह साफ कहा है कि चुनावों के करीब रहते पार्टी के नेता बयान देते से पहले विचार करें. बाबरी गिराए जाने की घटना पर चंद्रकांत पाटील ने शिवसेना और बालासाहाब ठाकरे की भूमिका को नकारा था और कहा था कि इस कार्य को विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था. दरअसल कल मंगलवार को मुंबई प्रदेश अध्यक्ष आशिष शेलार ने अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात से दिल्ली जाकर मुलाकात की. अमित शाह से उनकी चंद्रकांत पाटील के बयान, महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच मुलाकात और आगामी बीएमसी चुनावों को लेकर चर्चा हुई. इसके बाद ही अमित शाह के चंद्रकांत पाटील से नाराज होने की खबर सामने आई.
बीजेपी के मुंबई प्रदेश अध्यक्ष आशिष शेलार ने इस मुद्दे पर अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा है कि चंद्रकांत पाटील को इस मुद्दे पर बोलना टालना चाहिए थै. साथ ही शेलार ने चंद्रकांत पाटील के मत को निजी बताया. आशिष शेलार ने कहा कि रामजन्मभूमि का आंदोलन, बाबरी ढांचा गिराना यह कारसेवक हिंदू समाज की स्वत:स्फूर्त प्रतिक्रिया थी. बीजेपी ने इसका श्रेय नहीं लिया और भविष्य में भी कभी इसका श्रेय नहीं लेने वाली है. चंद्रकांत पाटील ने सोमवार को दिए एक इंटरव्यू में कहा था बाबरी गिराने में शिवसैनिकों का कोई योगदान नहीं था. 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा वाहिनी ने गिराई. तब वहां शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता मौजूद नहीं था. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कल बयान दिया कि बीजेपी बालासाहेब ठाकरे का महत्व कम करने की कोशिश कर रही है
बालासाहाब के योगदान का पूरा सम्मान: शेलार
आगे आशिष शेलार ने कहा कि पूरा हिंदू समाज एक रहे, यह 500 सालों से मांग रही है. हमारे साधू-संतों ने यह आंदोलन शुरू किया था. समाज की एकता के लिए सब इकट्ठा हुए थे. इस काम में बालासाहेब ठाकरे की भूमिका अहम थी. उनके योगदान से निश्चित रूप से फायदा हुआ. बालासाहेब ठाकरे की निभाई गई भूमिका का हम सम्मान करते हैं.
Sunday, November 24, 2024
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