उद्धव ठाकरे और चंद्रकांत पाटिल में फिर छिड़ी जंग

जब बाबरी गिराई गई तब ये सारे चूहे भाग गए थे. बिल में छुपे बैठे थे, अब निकल रहे हैं. और मिंधे-शर्मिंदे (शिंदे) गुट बालासाहेब ठाकरे का अपमान करने वालों के तलवे चाट रहे हैं. या तो सीएम एकनाथ शिंदे बालासाहेब ठाकरे का अपमान करने वाले मंत्री चंद्रकांत पाटिल का इस्तीफा लें या इसके बाद शिंदे गुट बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करना बंद करें. बाबरी शिवसैनिकों ने ही गिराई. बीजेपी बालासाहेब ठाकरे के नाम और गौरव को कम करने की कोशिशें शुरू हैं. उद्धव ठाकरे ने इन शब्दों में बीजेपी और एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमला किया.
मंगलवार को उद्धव ठाकरे ने अपने मुंबई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी, मंत्री चंद्रकांत पाटील और सीएम एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमले किए. उन्होंने सीएम शिंदे को ललकारते हुए कहा कि हिम्मत है तो बालासाहेब ठाकरे का अपमान करने वाले चंद्रकांत पाटिल का इस्तीफा लें या अपना इस्तीफा दें. बता दें कि बालासाहेब ठाकरे ने बाबरी गिरने के बाद कहा था कि अगर उसे गिराने में शिवसैनिकों का योगदान है तो उन्हें इस पर गर्व है. चंद्रकांत पाटिल ने उस तर्क को ठुकरा दिया है. इसे बालासाहेब ठाकरे का अपमान समझा जा रहा है.‘बीजेपी कर रही बालासाहेब ठाकरे का महत्व कम करने की कोशिश’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी के पास अपना कोई हीरो नहीं है. आजादी के आंदोलन में उनका एक भी नेता शामिल नहीं हुआ था. इसलिए ये दूसरों को हीरो की अहमियत कर रहे हैं. बीजेपी बालासाहेब ठाकरे के महत्व को कम करने की कोशिश में लगी है.
‘बालासाहेब ठाकरे की वजह से मुंबई में हिंदू सुरक्षित रहे’
चंद्रकांत पाटील ने कहा कि मैंने बालासाहेब ठाकरे का अपमान कभी नहीं किया. बालासाहेब ठाकरे की वजह से ही मुंबई में हिंदुओं की रक्षा हुई, मैंने हमेशा उनका नाम सम्मानजनक भाषा में किया है. मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उद्धव ठाकरे से भी फोन पर चर्चा करूंगा और कहूंगा कि मेरे कहने का क्या मतलब था. एक न्यूज चैनल में मैंने अपने इंटरव्यू में जो कहा उसका कॉन्टेक्स्ट बाबरी गिराने के संदर्भ में था. मेरा यह साफ मत है कि उस वक्त शिवसैनिक वहां शिवसैनिक की हैसियत से मौजूद नहीं था और ना ही बीजेपी के कार्यकर्ता वहां भाजपा कार्यकर्ता की हैसियत से थे. यह आंदोलन विश्व हिंदू परिषद का था. इस छतरी के नीचे सभी लोग वहां सिर्फ हिंदू होने की हैसियत से थे

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