शिक्षक मझहर खान ने लिया घर घर संविधान कॉपियां पहुंचाने का प्रण – अब तक हजारों कॉपियां का किया वितरण

देश के विभिन्न धर्म समुदाय, संस्कृति और भाषाओं को जोड़े रखने और देश वासियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा भारतीय संविधान में निहित है।
संविधान की इसी महत्ता से आम जनमानस को रुबरु कराने के उद्देश्य से दिग्रस शहर के एक शिक्षक ने मानो बीड़ा उठाया है।                        स्थानीय अंजुमन उर्दू स्कूल में कार्यरत शिक्षक मजहर अहेमद खान रहेमान खान बीते क़ई सालों से लोगों को अपने परिचितों को,विद्यार्थियों को भारतीय संविधान की कॉपियां निःशुल्क रुप से भेट स्वरुप वितरित करते आ रहे है। मझहर अहमद खानबताते है कि, समाज के हर तपके के आम और खास लोगों को संविधान का महत्व समझ आए और समाज मे पसरा अज्ञानता का अंधेरा संविधान के उजियारे से दूर हो सके इस उद्देश्य से ही उन्होंने संविधान वितरण की पहल को जारी रखा है।
मालूम हो की उनके “संविधान भेट” इस प्रेरक पहल की शुरआत आदिवासी बहुल वाले कोलूरा नामक गांव से की गई। गौरतलब है कि,हर साल 26 नवंबर (संविधान दिन) पर शहर तथा ग्रामीण परिसर के सरकारी कार्यालयों, शैक्षीक, सामाजिक संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी, शिक्षक, प्राध्यापकों,कर्मचारियों सहित शहर के सामान्य नागरिकों तक संविधान की कांपी भेट के रूप में सम्मान के साथ अर्पित की जाती है। इसके अलावा मजहर अहेमद खान ने असंख्य व्यक्तींयों को उनके जन्मदिन पर, मेधावी छात्रों सहित विभिन्न उपलब्धियों को अर्जित करनेवालों को संविधान की हजारों कांपीयां भेट दी है। इतना ही नही उन्होंने बीते दिनों अपने बेटी की शादी में शामिल हुए मेहमानों का स्वागत संविधान की कांपियों के वितरण से किया था। ऐसे में संविधान दिवस के मौके पर मझहर अहमद खान सर की प्रशंसनीय पहल को समाज के हर स्तर पर सराहा जा रहा है।

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