जयस्तंभ ट्रेफिक सिग्नल बंद चौक-चौराहों से यातायात कर्मी भी रहते है गायब

बडी लापरवाही- शहर के राष्ट्रीय महामार्ग स्थित ड्रैगन पैलेस टेम्पल भुमिगत पुलिया, जयस्तंभ चौक, हाॅकी बिल्डिंग चौक, नया पुलिस स्टेशन परिसर में यातायात के कर्मचारियों को गत कई दिनों से डयूटी करते नहीं देखा गया हैं। ऐसा लग रहा मानो शहर का यातायात विभाग के कर्मचारियों को काफी लंबी छुट्टीयों पर भेजा गया है। राष्ट्रीय महामार्ग पर बेलगाम भागते वाहन तथा उससे नागरिकों के सिर पर मंडराती मौत इस बात से पुरा यातायात विभाग अछुता हो गया है। शेड से यातायात कर्मी हमेशा गायब रहने से पुरे शहर की यातायात व्यवस्था के हाल बेहाल हो गई हैं। काफी दिनों से यातायात विभाग का अमला डयुटी न करते हुए राजा बन गया है। शहर के मुख्य चौक-चौराहों में यातायात कर्मी डयूटी करने की बजाय गायब रहते है। पूरे चौक-चौराहों की पडताल करने पर पाया गया कि शहर के लगभग सभी चौक-चौराहों जो की सबसे व्यस्तम मार्ग है। यहां पर एक भी यातायात कर्मी तैनात नहीं दिखाई दिया। इधर, पूरे चौक-चौराहों में लगाए गए ट्रेफिक सिग्नल बंद बडे हुए है। ऐसे में चौक-चौराहों पर कर्मी तैनात नहीं रहना जिम्मेदारों की उदासीनता को उजागर करता है।जयस्तंभ चैक, हाॅकी बिल्डिंग तथा ड्रैगन पैलेस टेम्पल भुमिगत पुलिया सबसे व्यस्तम चौक है। ड्रैगन पैलेस टेम्पल भुमिगत पुलिया मोड पर गत कई माह से ट्रेफिक सिग्नल बंद पडे हुए है। यहां से दिनभर में सैकडों छोटे बडे वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। लेकिन यातायात विभाग के कर्मचारी एक भी तैनात नहीें रहते है। जिससे वाहन चालक अपनी रफ्तार में भागते हुए दिखाई देते है। इस स्थान में कब बडी दुर्घटना घटित हो जाए, कुछ कहना मुश्किल है। वैसे तो कई सडक दुर्घटनाएं इस स्थान पर घटी हुई है। फिर भी यहां का यातायात विभाग आंखे मूंदे बैठा कोई बडी दुर्घटना की राह ताक रहा है। इस स्थान पर दोनों ओर से काफी रफ्तार से वाहन भागते रहते है। उसी प्रकार ड्रैगन पैलेस टेम्पल की ओर से भी वाहन काफी तेज रफ्तार से दौडते रहते है। जिससे अनेकों बार यहां सडक दूर्घटनाएं घटी हुई है। इस परिसर में काॅलेज, स्कुल, धार्मिक स्थल के साथ-साथ सुबह तथा शाम को सैर करनेवालों की तादात काफी ज्यादा रहती है। स्कुलों में साईकिल से आना-जाना करने वाले विद्यार्थी भी इसी मार्ग से गुजरते है। यह सभी अपनी जान जोखीम में डालकर इसी मार्ग से गुजरते है। लेकिन इस बात से अंजान यहां का पुलिस प्रशासन अपनी घोर उदासीनता से बाज नहीं आ रहा है। यही हाल शहर के जयस्तंभ चौक तथा हाॅकी बिल्डिंग चौक का हैं। यह मार्ग भी शहर का प्रमुख मार्ग है। राष्ट्रीय महामार्ग होने से इस मार्ग से रोजाना वाहनों की आवाजाही देखी जा सकती है। इन चौक में भी ट्रेफिक सिग्नल बंद रहने के बाद भी यातायात विभाग के एक भी कर्मचारी तैनात नहीं किए जाते हैं। जिससे वाहन चालक अपनी मर्जी से वाहन निकालते रहते है। इससे हर समय दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती हैं। यदि शहर की यातायात की जिम्मेदारी संभालने वालों के यहींे हालात रहे तो कैसे यातायात व्यवस्था सुधर पाएगी यह समझ से परे है।, हाॅकी बिल्डिंग तथा ड्रैगन पैलेस टेम्पल भुमिगत पुलिया सबसे व्यस्तम चौक है। ड्रैगन पैलेस टेम्पल भुमिगत पुलिया मोड पर गत कई माह से ट्रेफिक सिग्नल बंद पडे हुए है। यहां से दिनभर में सैकडों छोटे बडे वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। लेकिन यातायात विभाग के कर्मचारी एक भी तैनात नहीें रहते है। जिससे वाहन चालक अपनी रफ्तार में भागते हुए दिखाई देते है। इस स्थान में कब बडी दुर्घटना घटित हो जाए, कुछ कहना मुश्किल है। वैसे तो कई सडक दुर्घटनाएं इस स्थान पर घटी हुई है। फिर भी यहां का यातायात विभाग आंखे मूंदे बैठा कोई बडी दुर्घटना की राह ताक रहा है। इस स्थान पर दोनों ओर से काफी रफ्तार से वाहन भागते रहते है। उसी प्रकार ड्रैगन पैलेस टेम्पल की ओर से भी वाहन काफी तेज रफ्तार से दौडते रहते है। जिससे अनेकों बार यहां सडक दूर्घटनाएं घटी हुई है। इस परिसर में काॅलेज, स्कुल, धार्मिक स्थल के साथ-साथ सुबह तथा शाम को सैर करनेवालों की तादात काफी ज्यादा रहती है। स्कुलों में साईकिल से आना-जाना करने वाले विद्यार्थी भी इसी मार्ग से गुजरते है। यह सभी अपनी जान जोखीम में डालकर इसी मार्ग से गुजरते है। लेकिन इस बात से अंजान यहां का पुलिस प्रशासन अपनी घोर उदासीनता से बाज नहीं आ रहा है। यही हाल शहर के जयस्तंभ चौक तथा हाॅकी बिल्डिंग चौक का हैं। यह मार्ग भी शहर का प्रमुख मार्ग है। राष्ट्रीय महामार्ग होने से इस मार्ग से रोजाना वाहनों की आवाजाही देखी जा सकती है। इन चौक में भी ट्रेफिक सिग्नल बंद रहने के बाद भी यातायात विभाग के एक भी कर्मचारी तैनात नहीं किए जाते हैं। जिससे वाहन चालक अपनी मर्जी से वाहन निकालते रहते है। इससे हर समय दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती हैं। यदि शहर की यातायात की जिम्मेदारी संभालने वालों के यहींे हालात रहे तो कैसे यातायात व्यवस्था सुधर पाएगी यह समझ से परे है।

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