करीब 18 करोड़ की लागत से निर्मित होने जा रही भिवापुर जलशुद्धीकरण योजना में शुरु से ही आ रहे विघ्न के कारण अबतक पूरी नहीं हो सकी है. पहले, कोरोना से डेढ़ वर्ष विलम्ब बाद में पंप हाउस से संयंत्र तक के सात किमी के रास्ते में पीडब्लूडी की अनुमति, फिर वितरण पाइप बिछाने रेल्वे की अनुमति से विलम्ब हुआ. जिससे दो मर्तबा समयावधि दी गई. जबकि अब योजना के पूर्णाहुति में टेस्टिंग के दौरान, मुख्य पाइप लाइन पर बिजली विभाग द्वारा पोल गडाने में ड्रिल मशिन से पाइप को ही छेद देने से निर्धारित 15 अक्टूबर तक योजना के क्रियान्वित होने के आसार नजर नहीं आ रहे है.
भिवापुर नगर के लिए शुद्ध पेय जल देने की योजना मे, 24 नवंबर 2018 को 17.70 करोड़ की लागत वाली जलशुद्धिकरन योजना का बड़े जोरशोर से आगाज हुआ. योजना को 18 माह में पूरा करने का लक्ष रखा गया. नगर से जुड़कर ही शुद्धिकरण संयत्र के लिए भूमि निश्चित की गई. तथा सात किमी दूर से किन्ही स्थित नदी से संयंत्र तक पानी लाने की योजना पर अमल शुरू हुआ. मात्र आज चार वर्ष के करीब समय गुजरने पर भी योजना आरम्भ नहीं हो सकी है.
डेढ़ माह पूर्व विधायक राजू पारवे ने नपं की समीक्षा बैठक में नपं जलापूर्ति अभियंता नीलेश नरपाचे एवं जीवनप्राधिकरन के अधिकारियो को आडेहात लेकर 15 अक्टूबर तक योजना आरम्भ करने की सख्त हिदायत दी थी. फलता काम युद्धस्तर पर जारी है. संयत्र इमारत का काम पूरा होकर केवल पानी आनेका इंतजार है. विगत डेढ़ वर्ष से सोमनाला में बिजली सबस्टेशन का निर्माण कार्य जारी है. इसी के लिए सड़क किनारे पोल गाड़ने मशीन से गढ़े किये गए. सम्भवता पाइप लाइन वंहा होने के कोई संकेत नहीं होने से पाइप में लीकेज हो गए है. टेस्टिंग दौरान पानी निकलने से पोल हटाने का काम किया जा रहा है.
दामोदर उरकुड़े, उपविभागीय अभियंता. बिजली विभाग भिवापुर.अब तक छह लीकेज की मरम्मत की गई है. पाइप बिछाए गए स्थान पर वॉल्व लगाए गए है. जिससे स्पष्ट संकेत मिलते है. एक लीकेज मरम्मत को बिस हजार की लागत आकर यह अतिरिक्त खर्च वहन करना पड रहा. साथ ही पूरी पाइप लाइन टेस्टिंग होने पर और लीकेज हो सकते है।