तहसील के खापा थाना अंतर्गत रायवाड़ी क्षेत्र में किसान के बह जाने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सोमवार 19 सितंबर को शाम करीब 5 बजे हुई। गंगाधर मारोती गजभिये (60वीं रायवाड़ी) बह गए किसान का नाम है। विस्तृत घटना यह है कि रायवाड़ी से कुछ दूरी पर चारगांव त. सावनेर शिवरा में गंगाधर गजभिये का खेत है। घटना वाले दिन शाम को गंगाधर गजभिये खेत से एक जोड़ी बैल लेकर गांव लौट रहे थे। रायवाड़ी के किसान क्षेत्र से बहने वाली धारा को पार कर गांव पहुंच सकते हैं। जब क्षेत्र में खेकराना जलाशय के स्तर से अधिक हो जाता है, तो बांध का पानी इस चैनल से कन्हान नदी में छोड़ दिया जाता है। इस चैनल को पार करते समय, गंगाधर गजभिये को प्रवाह में अचानक वृद्धि का अनुमान नहीं था और इससे पहले कि वह यह जानता, वह बह गया उसके अंगों से दूर। प्रत्यक्षदर्शियों के निर्देश पर परिजनों ने तलाशी ली लेकिन गंगाधर गजभिये का पता नहीं चला। उनके बेटे प्रफुल गजभिये (30, रायवाड़ी) की शिकायत पर थाना खापा में मामला दर्ज कर लिया गया है। आगे की जांच थानेदार अजय मानकर के मार्गदर्शन में एएसआई प्रमोद बंसोड़ और नपोशी पंकज गाडगे द्वारा की जा रही है। 20 सितंबर को सावनेर तहसीलदार प्रताप वाघमारे, खापा थाना थानेदार अजय मानकर आदि ने मुतक किसान के शव की तलाश की लेकिन शव नहीं मिला। जैसे ही शव मिला, हितज्योति फाउंडेशन के संस्थापक हितेश बंसोड़ और उनके सहयोगियों की मदद से शव को निकाला गया और शव परीक्षण के लिए भेजा गया।
सिंचाई विभाग के खेकरानाला बांध के प्रभारी कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण मेरे पिता बह गए। यहां के गैरजिम्मेदार कर्मचारियों ने अनजाने में नहर से पानी छोड़े बिना ही नहर में पानी छोड़ दिया, जब नहर से पानी छोड़े जाने के एक दिन पहले पड़ोसी गांवों को दावंडी देना जरूरी हो गया था। चेतावनी दी गई कि दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई मांग को लेकर मु्तकके शव के साथ सिंचन विभाग खापा कार्यालयमे पीड़ित परिवार और ग्रामीणों के माध्यम से जोरदार आंदोलन कर न्याय की मांग की