वरंदली ग्रामपंचायत में फर्जीवाड़े के जांच की उठी मांग

यवतमाल जिले के दिग्रस तहसील के वरंदली ग्रामपंचायत के सरपंच पद का इस्तेमाल गैरजिम्मेदार और फ़र्जी तरीके से किये जाने का आरोप करते हुए स्थानीय निवासी निकेत अनिल राठौड़ में इस संदर्भ में पंचायत समिति के गट विकास अधिकारी को विभिन्न शिकायतों से भरपूर अर्जी सौंपी है।
बीते 9 जून, बुधवार को पंचायत समिति को सौंपी गयी उपरोक्त अर्जी में दर्ज शिकायत के अनुसार वरंदली की सरपंच पल्लवी मांगीलाल जाधव केवल नामधारी सरपंच है। जबकि उनके पिता मांगीलाल उकंडराव जाधव खुद को सरपंच बताने से बाज नही आ रहे। साथ ही वे गांव भर के कामों में हस्तक्षेप कर लोगों को विभिन्न ठेके औऱ घरकुल दिलाने के आश्वासन देते रहते हैं। शिकायतकर्ता ने अफसोस जताया कि सरपंच पल्लवी जाधव खुद उच्च शिक्षित होते हुए भी उनके अधिकार का इस्तेमाल उनके पिता द्वारा गलत तरीके से किया जा रहा है। गौरतलब है कि बगैर ग्राम सभा में उपस्थित रहे सरपंच द्वारा ग्रामपंचायत के विभिन्न कामों के लिए जरूरी सम्मती पत्र,करार आदि पर हस्ताक्षर करते हैं। रोजगार गारंटी योजना के तहत सिंचाई और घरकुल का अग्र कर्म निश्चित करने के साथ ही अपने करीबी लोगों को ठेके दिलाने के उद्देश्य से फर्जी प्रस्ताव पारित कर फर्जी हस्ताक्षर तक किये जा रहे है। शिकायतकर्ता निकेत राठोड़ के अनुसार इस पूरे क्रियाकलाप में ग्रामपंचायत के सचिव की चुप्पी और निष्क्रियता भी बराबर की जिम्मेदार है। क्योंकि गांव में किए गए कामों के बिल गैर वाजिब तरीके से निकाले गए हैं जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की आशंका है । उक्त शिकायत में यह भी कहा गया है कि सरपंच पल्लवी जाधव के पिता का लोगों के साथ बेहद बुरा बर्ताव है। शराब के नशे में लोगों को न सिर्फ गालियां बल्कि धमकियां देने तक का भी आरोप इस शिकायत में लगाया गया है। ऐसे में शिकायतकर्ता निकेत राठौड़ ने गट विकास अधिकारी से बिन्ती की है कि सरपंच पद का फर्जी तरीके से इस्तेमाल करनेवाले मांगीलाल जाधव के हस्तक्षेप से निपटाए गए विभिन्न कामो में संभावित रूप से किये गए भ्रष्टाचार की जांच की जाए , इसके अलावा कथित विकास के नाम पर वरंदली गांव के लोगों के आंखों में धूल झोंकने वालों पर कड़ी कानूनी कारवाई की जाए। वर्ना वरंदली गांव की जनता आंदोलन करेगी ऐसी चेतावनी भी इस अर्जी में शिकायकर्ता द्वारा दी गयी है।

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