किसानों के लिए आंदोलन करेंगे पूर्व सभापति कलाम

भंडारा जिला चावल के लिए प्रसिद्ध जिला है. जिसे चावल की नगरी कहा जाता है. और यहा धान की फसल लगाई जाती है, किसानो के धान खरेदी के लिए यहाँ सरकारी धान केंद्र खोले गये है, इस साल भी सिहोरा क्षेत्र में चांदपुर तालाब का पानी रब्बी फसल के लिए दिया गया था। जिसमे कई किसानों ने धान की फसल लगाई थी। इस क्षेत्र में खेती के भरोसे अपना गुजारा करनेवाले किसान अन्य कई समस्या से भी घिरे हूये है। जिसमें कभी पानी की मार तो कही मौसम की बौछार से हरबार किसी ना किसी समस्या का सामना कीसानो को करना पडता है। हर बार की तरह इस बार भी फसल काटने का समय आता है तभि मौसम बेईमान हो जाता. बारिश के साथ साथ तुफान से कई किसान की फसल बरबाद होते नजर आती है. ऐसे समय में जैसे तैसे किसान ने संभालकर फसल को घर तक पहुचाया है. उधार पैसे लेकर बिजाई और खाद खरीद कर फसल की आय को बढाया जिसमे इस क्षेत्र में प्रती एकर 25 क्विंटल की फसल किसानों ने उगाई है. लेकिन अब इसे बेचने के लिये किसानो को माथापच्ची करना पड रहा है. अब तो धान खरेदी केंद्र को धान खरेदी का एक अवरेज दिया गया है जिसमे ऑनलाइन करने किसान के मुकाबले धान ले पाना मिश्किल साबित हो रहा है. केंद्र सरकार ने भंडारा जिले के लिए 491996.59 लाख क्विंटल धान खरेदी करने की अनुमति अध्यादेश के जरिये दि है. जिसके लिये किसानों ने पिक पेरा ॲप्स के जरिये ऑनलाइन भी किया है. धान खरेदी ऑनलाइन के माध्यम से किया जाने का निर्देश दिया है. या भंडारा जिले मे धान फसल की सरासरी उत्पादकता के हिसाब से प्रति हेक्‍टर 40.71 क्विंटल खरेदी करने हेतू अध्यादेश जारी किया गया था. लेकिन जब किसानो द्वारा धान खरेदी केंद्र पर ले जाया गया तब प्रति एकर आठ क्विंटल धान लेने की नसीहत धान खरेदी केंद्र चालक द्वारा किसानो दीं गई जिस कारण किसान सक्ते में आ गया की हमें धान फसल आय एकर 25 क्विंटल के हिसाब से हुई है. और यहाँ प्रती एकर 8 क्विंटल धान लेणे की बात हो रही है. बाकी के धान हम कहा दे जिससे किसानो की परेशानिया बढ गई है. उधर पहले ही धान केंद्र पर अधिक से जादा धान वजन में लेने से आर्थिक परेशानी का सामना करते आ रहा है. तो कई धान केंद्र में खुले में पडे धान से कई बार आँखो से आंसू निकल आते किसान नजर आते है. अब मानो तो जय किसान का नारा फोल साबित हो रहा है. सरकारे किसान विरोधी साबित हो रही है. ऐसे में किसान भारी समस्या मे फसते नजर आ रहा है. रब्बी फसल के लिये इस वर्ष यहाँ किसानो ने कडकती धूप मे मेहनत कर भारी मात्रा में खेत में धान की फसल ऊगाई है. धान को हर साल सरकारी धान खरेदी केंद्र पर केंद्र सरकार हर साल प्रती एकर 18 क्विंटल के हीसाब से धान लिया जाता था. लेकीन इस साल एकर 8 क्विंटल धान लेणे का निर्णय किसान विरोधी निर्णय है. सरकार के इस निर्णय का पूर्व सभापति कलाम शेख ने विरोध किया और इस विरोध मे जनआंदोलन करेंगे एव किसानो को न्याय मिलते तक लढते रहने की बात कही.

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